फोटो ::: – बीआरए बिहार विवि के इतिहास विभाग में सेमिनार संपन्न संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरए बिहार विवि के इतिहास विभाग में शुक्रवार को आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए पटना विवि के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ भारती एस कुमार ने कहा कि नारी सशक्तीकरण की दिशा में लगातार पहल की जा रही है, मगर परिणाम संतोषजनक सामने नहीं आ रहा. इसके कई प्रमुख कारण हैं. उसमें एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि स्त्री शिक्षा का आधुनिकीकरण का नहीं होना. इसके अलावा उन्हें पॉलिटिकल रिजर्वेशन नहीं देना, कुपोषण की समस्या और नारी समाज में उन्मूखीकरण के कार्यक्रमों का अभाव भी नारी सशक्तीकरण की महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं. वे नारी सशक्तीकरण के समक्ष चुनौतियां विषय पर बोल रहे थे. अवसर था डॉ हरि रंजन घोषाल स्मृति व्याख्यानमाला का. उन्होंने कई उदाहरण को सामने रखते हुए कहा कि यूरोपीय समाज की तरह भारतीय समाज में नारी का विकास नहीं हुआ. वहीं इस अवसर पर नॉर्थ इस्टर्न हिल विवि सिलांग के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ अमरेंद्र कुमार ठाकुर ने भी अपने विचार रखे. विषय प्रवेश इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ पंकज कुमार राय ने कराया और नारी सशक्तीकरण के औचित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला. साथ ही डॉ हरि रंजन घोषाल के बारे में कहा कि वे आर्थिक मामले के उच्च कोटि के विद्धान थे. बिहार विवि के इतिहास विभाग में 1956-66 तथा 1968-72 तक विभागाध्यक्ष रहे. इसके पूर्व वे एलएस कॉलेज के 1952-53 तक प्राचार्य भी रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ अपर्णा कुमारी ने किया. मौके पर विभिन्न विभागों के अध्यक्ष एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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स्त्री शिक्षा का आधुनिकीकरण नहीं
फोटो ::: – बीआरए बिहार विवि के इतिहास विभाग में सेमिनार संपन्न संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरए बिहार विवि के इतिहास विभाग में शुक्रवार को आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए पटना विवि के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ भारती एस कुमार ने कहा कि नारी सशक्तीकरण की दिशा में लगातार पहल की जा रही है, मगर परिणाम संतोषजनक सामने […]
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