मुजफ्फरपुर: राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना से जल्द ही जिले के गांव व पंचायत जुड़ जायेंगे. केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गयी है. इसको लेकर पांच अगस्त को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रमंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम में हर जिले से अच्छे कार्य करने वाले पांच जनप्रतिनिधि, निर्वाचन पदाधिकारी, योजना पदाधिकारी व जिला पंचायती पदाधिकारी शामिल होंगे. इसमें योजना को सही तरीके से लागू करने की रणनीति तैयार होगी. यह योजना सूबे के नौ जिलों मुजफ्फरपुर, पटना, गया, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, दरभंगा, सारण व सहरसा में लागू किया गया है.
योजना का उद्देश्य
आरजीपीएसए का उद्देश्य सशक्त पंचायती राज व्यवस्था के लिए पंचायतों के आधारभूत संरचना को विकसित करना है. इसके लिए प्रशासनिक व तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए नेटवर्क तैयार किया जायेगा. जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास की बाढ़ आयेगी.
विभिन्न पदों पर होगी बहाली
योजना के तहत हर पंचायत में पंचायत विकास पदाधिकारी, लेखापाल सह डाटा इंट्री ऑपरेटर व पंचायत सहायक की नियुक्ति की जायेगी. वही, ग्राम सभा के आयोजन के लिए मोबिलाइजर की बहाली की जायेगी. मोबिलाइजर को 2500 रुपये मानदेय दिया जायेगा. ग्राम सभा के आयोजन के लिए प्रत्येक पंचायत को 10 हजार की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. इसके अलावा प्रखंड व जिला स्तर पर समन्वयक की बहाली की जायेगी. इनको 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन के तौर पर भुगतान किया जायेगा.
यह होगा लाभ
योजना के तहत पंचायत सरकार भवन के अलावे प्रत्येक पंचायत में भवन का निर्माण कराया जायेगा. भवन निर्माण के लिए पांच हजार तक आबादी वाले पंचायत को 12 लाख एवं इससे अधिक आबादी वाले पंचायत को 15 लाख राशि दी जायेगी. इसके अलावा पुराने पंचायत भवनों के मरम्मत के लिए तीन लाख राशि दी जायेगी. इसके अलावा सभी पंचायतों में शौचालय, पेयजल एवं बिजली की व्यवस्था होगी. जन प्रतिनिधियों को क्षमता बर्धन के लिए निर्धारित अवधि पर प्रशिक्षण दिया जायेगा.