मुजफ्फरपुर: एइएस के इलाज के लिए नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी की टीम जिले के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करेगी. टीम सात मई को शहर में पहुंचेगी. सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने बताया कि टीम के विशेषज्ञ डॉक्टरों को एइएस को अन्य बीमारियों से अलग करने के बारे में विस्तार से बतायेंगे.
सीएस डॉ भूषण ने कहा कि चमकी व बुखार कई बीमारियों का कारण है. सामान्य तौर पर इसे एइएस मान लिया जाता है. जबकि ऐसा नहीं है. जांच में जब सारी बीमारियों की पुष्टि नहीं हो तभी हम उसे एइएस कह सकते हैं. यदि बच्च बहुत सीरियस हो व जांच का समय नहीं हो तभी उसका इलाज एइएस के प्रोटोकॉल की तरह किया जा सकता है. एनआइवी की टीम विस्तृत रूप से इस बारे में डॉक्टरों को बतायेगी. सीएस ने कहा कि प्रशिक्षण एसकेएमसीएच में दिया जायेगा.
पहचानें एइएस के लक्षण, करें बचाव
गरमी बढ़ने के साथ ही एइएस ने बच्चों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होना जरूरी है. यदि इस बीमारी के लक्षण शुरू में ही पहचान लिया जाये तो बीमारी से बच्चों को बचाया जा सकता है.