7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लीची बगानों से बच्चों को रखें दूर

मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए इंडियन पेडियाट्रिक्स एकेडमी बच्चों को लीची बगानों से दूर रहने की सलाह दे रहा है. हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से प्रकाशित जर्नल इमरजिंग इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित शोध का हवाला दिया गया है. वियतनाम में वर्ष 2004 से 09 तक […]

मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए इंडियन पेडियाट्रिक्स एकेडमी बच्चों को लीची बगानों से दूर रहने की सलाह दे रहा है. हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से प्रकाशित जर्नल इमरजिंग इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित शोध का हवाला दिया गया है.

वियतनाम में वर्ष 2004 से 09 तक इस बीमारी से हुई हजारों बच्चों की मौत के बाद विशेषज्ञों की टीम ने शोध में यह खुलासा किया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित शोध को केंद्र में रख कर आइएपी के बिहार संयोजक डॉ अरुण साह कहते हैं कि दोनों जगह बहुत सारी समानताएं हैं.

हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि यहां भी फैलने वाली बीमारी का कारण लीची है. लेकिन जब तक यहां की बीमारी का खुलासा नहीं होता, तब तक हमें लीची बगानों से बच्चों को बचाना चाहिए. वे कहते हैं कि हमारे यहां पिछले वर्ष इस बीमारी से पीड़ित जो भी बच्चे पहुंचे. उनका लीची बगानों से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ाव रहा है. वे बच्चे बीमारी के संक्रमण से एक दिन पूर्व तक लीची बगानों से होकर गुजरे थे.

वे कहते हैं कि किसी प्रकार के वायरस को शरीर में डेवलप होने के लिए 12 से 24 घंटे तक का समय लगता है. अधिकांश बच्चे रात में सोने के दूसरे दिन सुबह इस बीमारी से संक्रमित हुए. डॉ साह कहते हैं कि बीमारी से बचाव के लिए यह जरूरी है कि हम एहतियात के तौर पर बच्चों को बगानों से बचाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें