प्रतिनिधि, मोतिहारीपांच वर्षों बाद गुरुवार को नेपाल का सुप्रसिद्ध गढ़ी माई मेला शुरू हुआ. गढ़ी माई लोगों की मन्नत को पूरा करने वाली देवी के रूप में जानी जाती है. परंपरानुसार मन्नत पूरी होने पर लोगों द्वारा पांच साल के बाद लगने वाले गढ़ी माई मेला में बलि दी जाती है. मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. गुरुवार को गढ़ी माई मेला को लेकर श्रद्धालुओं की भी ऐसी उमड़ी की नेपाल में प्रवेश करने वाले सभी रास्ते में जाम लगा रहा. रक्सौल से वीरगंज जाने वाली सड़क आदापुर, मटियरियामोड़, छौड़ादोनो, कटगेनवा मछरिया रोड, घोड़ासहन से बीजबनी होते हुए सिमरौन गढ़ रोड, घोड़ासहन से हीं बंकुल बोर्डर रोड, बैरगनिया से जाने वाली गउर रोड और ढाका से नेपाल की तरफ जाने वाली सभी सड़क पर जाम का आलम रहा. छह घंटों की भारी मशक्कत के बाद भी जाम के कारण मोतिहारी से छौड़ादोनों तक नहीं पहुंचा जा सका. हालांकि जाम की संभावना को देखते हुए चौक चौराहों पर पुलिस के जवान तो दिखे लेकिन उमड़ी भीड़ के समक्ष उनका कुछ भी नहीं चला. आगे-जाने की आपाधापी में जाम बढ़ता हीं जा रहा था. जाम का एक मुख्य कारण यह भी था कि श्रद्धालु अपने साथ बलि के लिए पशु ले जा रहे थे. स्वाभाविक रूप से ट्रैक्टर, पिकअप वैन आदि गाडि़यों की संख्या अनगिनत थी. हालांकि पशु बली पर रोक लगाने के लिए पूर्व से तो प्रशासन द्वारा कदम उठाया जाता रहा है लेकिन गढ़ी माई मेला जाने वाले भक्तों की भीड़ और संख्या को देखते हुए सामने से बली के लिए पशु खुलेआम जाते रहे. और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनकर देखती रही. जाम का आलम यह था कि नेपाल में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर कई-कई किलोमीटर लंबी गाडि़यों की कतार देखी गयी.
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नेपाल जाने वाली सभी सड़कों पर रहा जाम का आलम
प्रतिनिधि, मोतिहारीपांच वर्षों बाद गुरुवार को नेपाल का सुप्रसिद्ध गढ़ी माई मेला शुरू हुआ. गढ़ी माई लोगों की मन्नत को पूरा करने वाली देवी के रूप में जानी जाती है. परंपरानुसार मन्नत पूरी होने पर लोगों द्वारा पांच साल के बाद लगने वाले गढ़ी माई मेला में बलि दी जाती है. मेला में लाखों की […]
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