मुजफ्फरपुर: तिमुल दुग्ध उत्पादक किसानों को गुणवत्ता के आधार पर दूध की कीमत देकर प्रोत्साहित करता है. दुग्ध उत्पादकों द्वारा अधिक मूल्य प्राप्त करने के लिए उत्साह देखा जा रहा है और दूध की गुणवत्ता में काफी सुधार हो रहा है. उत्तर बिहार के सात जिलों में कार्यरत करीब 1550 दुग्ध सहकारी समितियों व 60 हजार दुग्ध उत्पादकों के माध्यम से प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख लीटर दुग्ध तिमुल को प्राप्त होता है. उन किसानों को प्रतिमाह नौ करोड़ रुपये भुगतान होता है.
कृषि उत्पादित अनाज व अन्य फसलों के अनुपात में तीन से चार गुणा है. दुग्ध उत्पादक गांवों में बनी सहकारी समितियों में दूध की गुणवत्ता के आधार पर 51 रुपये प्रति लीटर का भुगतान भी ले रहे हैं. इतना अधिक दर मिलने से किसानों में काफी हर्ष है.
ऐसे किसानों में गगनदेव सहनी, अनिल तिवारी, वासुदेव भगत, लालदेव महतो, देवनारायण तिवारी, राजेश पासवान, राम अवतार तिवारी, नारायण राय, राधेश्याम राय, लाल बाबू राय शामिल हैं. समितियों के माध्यम से किसानों को हराचारा बीज, सुधा दाना, मिनरल मिक्सचर, कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.
तिमुल प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बताया कि किसानों से प्राप्त स्वच्छ व पौष्टिक दूध को उत्तर बिहार के शहरी उपभोक्ताओं को तरह पाउच दूध व स्वादिष्ट दुग्ध उत्पादों को उपलब्ध कराया जाता है. औसतन डेढ़ लाख लीटर से अधिक तरल दूध उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया गया. जो अपने आपमें रिकॉर्ड है.