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वेतन कटौती से भड़के कर्मी

बीआरए बिहार विवि प्रशासन ने नये पे फिक्सेशन के आधार पर आरडीएस कॉलेज के 51 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है. इसके विरोध में बुधवार को कर्मचारियों ने कॉलेज में जम कर प्रदर्शन किया. प्राचार्य डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा से मिल कर विरोध जताया व काम करने से इनकार कर दिया. प्राचार्य ने […]

बीआरए बिहार विवि प्रशासन ने नये पे फिक्सेशन के आधार पर आरडीएस कॉलेज के 51 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है. इसके विरोध में बुधवार को कर्मचारियों ने कॉलेज में जम कर प्रदर्शन किया. प्राचार्य डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा से मिल कर विरोध जताया व काम करने से इनकार कर दिया. प्राचार्य ने पूरे मामले की सूचना दूरभाष पर कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला को दी. साथ ही कर्मचारियों को समर्थन देने का भरोसा दिया. इधर, मामले में कॉलेज कर्मी गुरुवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे से मुलाकात करेंगे. कर्मचारी संघ के सचिव उमा शंकर सिंह ने बताया कि यदि वेतन कटौती का फैसला वापस नहीं लिया जाता है, तो कॉलेज कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.

लोकायुक्त व मानवाधिकार आयोग से शिकायत . नये वेतन निर्धारण के आधार पर 39 अंगीभूत कॉलेजों में से सिर्फ एलएस व आरडीएस कॉलेज के कर्मचारियों के वेतन की ही कटौती की गयी है. कर्मचारी संघने इसे समान कार्य, समान वेतन के सिद्धांत की अवहेलना बताते हुए बिहार मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकातय की है.
कर्मी पंकज कुमार ने बताया कि सरकार के ऑडिटर ने तीन साल पूर्व कर्मियों के वेतन का निर्धारण किया था. न तो उसके तुरंत बाद और न ही सरकार व सक्षम बॉडी से मंजूरी लिये ही इसे लागू कर दिया गया. जबकि नये वेतन निर्धारण के बाद गत 14 अगस्त को विवि की ओर से कॉलेज को पत्र भेजा गया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश व सरकार के निर्देश के आधार पर एक अप्रैल 1997 के सभी रुटीन क्लर्क का वेतनमान 4000 से 6000 रुपये करने की बात अंकित है. यही नहीं नये वेतनमान में भी उन सभी को उच्च वर्गीय कर्मचारी बताया गया है. सरकार के पत्रंक 8825, 8826 व 2693 के आधार पर उच्च वर्गीय कर्मचारियों का वेतनमान भी 4000-6000 रुपये निर्धारित है. कर्मचारियों का दावा है कि उनकी नियुक्ति सेंक्शन पोस्ट के आधार पर हुई थी.

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