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सोलर लाइट पर लुटा दी योजनाओं की राशि
प्रभात कुमार मुजफ्फरपुर : सोलर लाइट खरीद में किस तरह नियम को ताक पर रखा गया. इसका खुलासा महालेखाकार की रिपोर्ट से हुआ है. चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत दिये गये अनुदान के शर्तों व नियम से हट कर योजनाओं पर राशि खर्च की गयी. पंचायत व जिला परिषद ने निम्न प्राथमिकता वाले क्षेत्र […]
प्रभात कुमार
मुजफ्फरपुर : सोलर लाइट खरीद में किस तरह नियम को ताक पर रखा गया. इसका खुलासा महालेखाकार की रिपोर्ट से हुआ है. चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत दिये गये अनुदान के शर्तों व नियम से हट कर योजनाओं पर राशि खर्च की गयी.
पंचायत व जिला परिषद ने निम्न प्राथमिकता वाले क्षेत्र पर राशि खर्च की. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोलर लाइट के मद में 16 प्रतिशत राशि का आवंटन किया गया था, लेकिन इस मद मे सबसे अधिक 35 से 100 प्रतिशत राशि खर्च की गयी.
जबकि ईट सोलिंग व नालियां बनाने के लिए 61 प्रतिशत, पेयजल के लिए 16 प्रतिशत व पुस्तकालय के लिए 16 प्रतिशत राशि नामित किया गया था. योजना में सोलर लाइट लगाने कार्य निम्नतर प्राथमिकता वाले क्षेत्र में था. लेकिन उच्च प्राथमिकता वाले कार्य को नजर अंदाज करते हुए इन योजनाओं पर काफी कम राशि खर्च की गयी. मॉडल के तौर पर मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने की हुई जांच में कई गंभीर मामला सामने आया. जांच में पाया गया कि सौर लाइट के उपकरण का बिना निरीक्षण किये ही आपूर्ति कर्ता को एकमुश्त भुगतान कर दिया गया.
बिना निरीक्षण के सौर लाइट लगाये जाने के बारे में पंचायत सचिव से पूछे जाने पर भविष्य में जांच कराने की बात कही गयी. 26 पंचायतों में बिना निगरानी समिति गठित किये ही अमानक सोलर लाइट की खरीद हुई. महालेखाकार के आपत्ति के बाद जिला परिषद मुजफ्फरपुर द्बारा वर्ष 2011- 12 के ऑडिट के विरुद्ध आठ लाख 10 हजार 606 रुपये जमा कराया गया.
इधर, महालेखाकार के आपत्ति के आलोक में पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित अधिकारी को दर्शायी गयी आपत्तियों का निराकरण करने को कहा है.
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