मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के वीसी डॉ रवि वर्मा की सख्ती के बाद पद व पावर की लड़ाई को लेकर छिड़े घमासान में कई अधिकारियों की कुरसी जल्द ही खिसक सकती है. तत्कालीन वीसी डॉ विमल कुमार के समय बगैर स्वीकृत पदों पर बहाल पेंशन ऑफिसर, पर्यावरण ऑफिसर, लॉ ऑफिसर, ओएसडी, स्टेट ऑफिसर समेत आधा दर्जन अधिकारियों को हटना तय माना जा रहा है. इससे विवि अधिकारियों में हड़कंप है.
वहीं वीसी के खिलाफ आरोप लगा बगैर अनुमति राज्यपाल सह कुलाधिपति से शिकायत करने वाले सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह की मुसीबत भी बढ़ गयी है. वे कुलाधिपति से भेजे अपने शिकायत पत्र से ही घिर गये हैं. वीसी पर उन्होंने जिस तरह आरोप लगा राज्यपाल से शिकायत की है. इससे विवि के वरीय अधिकारियों में काफी नाराजगी है.
अधिकारी बताते हैं कि सीसीडीसी ने कुलाधिपति से वीसी के ऊपर जो भी आरोप लगा शिकायत की है. वे सभी आरोप गलत है. वीसी के नीचे के किसी भी अधिकारी को राजभवन सीधे तौर पर कोई पत्र लिखने का अधिकार नहीं है. किसी भी तरह का पत्र लिखने से पूर्व वीसी से अनुमति लेना विवि एक्ट के तहत अनिवार्य है.
सूत्र बताते हैं कि सीसीडीसी ने शिकायत में उनके बदले सीसीडीसी के पत्र पर बहाल होने वाले जिस व्यक्ति को वीसी का नजदीकी व रिश्तेदार बताया है, वह दूर-दूर तक उनका कोई रिश्तेदार और नजदीकी नहीं है. इसको लेकर वीसी के करीबी बताये जाने वाले व्यक्ति सीसीडीसी के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा करने की तैयारी में है. इधर, कॉलेज इंस्पेक्टर साइंस व ऑर्ट्स/कॉमर्स के बीच सीनियरिटी को लेकर चल रहे विवाद पर भी एक सप्ताह के भीतर ठोस फैसला हो जायेगा.