मुजफ्फरपुर: सीबीआइ की टीम ने डाक विभाग में वर्ष 2008 से 2012 के बीच गलत प्रमाण पत्र पर ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली को लेकर सात डाक निरीक्षक व चार ग्रामीण डाक सेवकों पर प्राथमिकी दर्ज की है. टीम ने 16 जगहों पर छापेमारी की थी. सीबीआइ के डीआइजी विजय कुमार ने बताया कि अभी 11 पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अभी जांच चल ही रही है और पर लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है. उन्होंने बताया कि कई ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली फरजी मध्यमा की डिग्री पर हुई थी.
सीबीआइ ने जो फाइलें जब्त की हैं. उसमें जाली प्रमाण पत्र पर नियुक्ति में उनकी संलिप्तता सामने आयी है. हालांकि उन्होंने अभी नाम का खुलासा नहीं किया है. नीरज कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, दरभंगा, राम विनय शर्मा, सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक, राजीव कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, वैशाली, शशि कांत, डाक निरीक्षक, समस्तीपुर, मुकेश लश्कर, डाक निरीक्षक, समस्तीपुर, हिजबुल रहमान, पूर्व डाक अधीक्षक, वीके सिंह, पूर्व डाक अधीक्षक, सीतामढी, अमरेश कुमार, सहायक डाक अधीक्षक, दलसिंगसराय, संजय वर्मा, डाक अधीक्षक, रोसड़ा में सीबीआइ की टीम ने छापेमारी की थी.
बता दें कि तीन मई को सीबीआइ की टीम ने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर व दरभंगा समेत में 16 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी, जिसमें मुजफ्फरपुर में छह ठिकानों पर सीबीआइ ने छापा मारा था.
इसमें सीतामढ़ी के डुमरा डाकघर, दरभंगा में सहायक डाक अधीक्षक नीरज कुमार के जीरोमाइल स्थित आवास व संजय सिनेमा रोड स्थित सेवानिवृत्त डाक अधीक्षक राम विनय शर्मा व भगवानपुर स्थित सहायक डाक अधीक्षक राजीव कुमार के घर भी छापेमारी की गयी थी, जबकि समस्तीपुर में तीन डाक निरीक्षक शशिकांत, मुकेश लश्कर व पूर्व डाक निरीक्षक हिजबुल रहमान के यहां भी छापामारी की गयी थी.