मुजफ्फरपुर: रूपेश की हत्या हुई है. उसे निर्ममता से पीटा गया है. उसके शरीर के प्रत्येक अंग पर लोहे के सरिया व प्लेट से दागा गया है. यह बातें लोक स्वातन्त्रय संगठन(पीयूसीएल) मुजफ्फरपुर इकाई के अध्यक्ष प्रो. रोहिताश्वर दूबे रिमांड होम निरीक्षण के दौरान बोल रहे थे. वह पीयूसीएल के पांच सदस्यीय टीम के साथ सोमवार को बाल कैदी रूपेश कुमार की संदेहास्पद मौत की जांच करने पहुंचे थे.
पीयूसीएल के अध्यक्ष ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड से मामले की पूरी जानकारी ली. गार्ड विंदेश्वर पासवान ने बताया कि रूपेश को 10 अगस्त की अहले सुबह 5.15 में गया पुलिस के पांच सदस्यों ने यहां लाया था. वह लोग छह बजे उसी दिन वापस भी लौट गये. इसे बाद से उन लोगों को कोई जानकारी नहीं कि अंदर उसके या दूसरे के साथ क्या हो रहा है. जिस वक्त रूपेश को लाया गया था, उस वक्त उसके शरीर पर कोई जख्म नहीं था. रविवार की शाम छह बजे के करीब बाल कैदी के कक्ष की ओर काफी जोर से हल्ला हुआ. इसके बाद अधीक्षक व अन्य दौड़ कर वहां पहुंचे. फिर शाम 7.50 में उसे एक रिक्शा पर लाद कर सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने
उसे मृत घोषित कर दिया. इससे पूर्व पीयूसीएल की टीम ने एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम गृह में जा कर रूपेश के शव का निरीक्षण किया. वहीं, पीयूसीएल के उपाध्यक्ष अरविंद वरूण ने बताया कि शव के निरीक्षण के बाद यह प्रतीत होता है कि रूपेश की मौत मारपीट के दौरान हुआ है. उसे शरीर पर पड़े निशान इसके सबूत है. दोनों जगहों का निरीक्षण के बाद रिपोर्ट राज्य मानवाधिकार आयोग के एसपी अमिताभ दास को सौंप दिया जायेगा. साथ ही पीयूसीएल ने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्षता से जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
टीम के सामने नहीं आये उपाधीक्षक
रूपेश की मौत के बाद रिमांड होम पहुंची पांच सदस्यीय टीम के सामने उपाधीक्षक अभिमन्यु कुमार नहीं पहुंचे. टीम ने उनसे सरकारी नंबर पर दर्जनों बार संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन, उनका मोबाइल फोन बंद मिल रहा था. हालांकि, रिमांड होम कर्मचारी ने जब उन्हें इसकी जानकारी निजी मोबाइल पर दिया तो वह आधा घंटा में आने को कहे. लेकिन, जब तक टीम रिमांड होम में रही वह टीम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए.
मुलाकात रजिस्टर की जांच : रिमांड होम पहुंची पीयूसीएल की पांच सदस्यीय टीम ने गेट पर रखे मुलाकाती रजिस्टर का भी बारिकी से जांच की. टीम ने गत 10 अगस्त से लेकर अब तक के इंट्री की जांच की. हालांकि, जांच के दौरान कोई गड़बरी उन लोगों को नहीं मिली.