सकरा: राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष योगेंद्र पासवान दो माह पूर्व हुए पांडव पासवान हत्याकांड मामले की जांच करने गुरुवार को वारियारपुर ओपी क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में पहुंचे. श्री पासवान के साथ दो अन्य सदस्य भी थे. जांच के दौरान हत्या के आरोपित वारियारपुर पंचायत के मुखिया रंजीत राय के समर्थकों के पहुंचते ही हंगामा शुरू हो गया.
मुखिया समर्थकों व मृतक के समर्थकों के मारपीट व हाथापाई शुरू हो गयी. स्थिति बिगड़ते देख उपाध्यक्ष गाड़ी में बैठ कर मौके से जाने लगे, लेकिन मुखिया समर्थकों ने उनके गाड़ी को घेर लिया. वे अपनी बात कहना चाहते थे. लोगों के आक्रोश को देखते हुए उपाध्यक्ष को गाड़ी से उतर कर बयान दर्ज करना पड़ा.
मुखिया समर्थकों का कहना था कि इस घटना में मुखिया को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उधर, मृतक के भाई मिथिलेश पासवान ने उपाध्यक्ष को बताया कि मुखिया ने अपने समर्थकों के साथ गांव पर हमला कर दिया. इसमें पांडव पासवान घायल हो गये. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. जांच में आयोग के सदस्य नंद किशोर चौधरी, शिव कुमार मांझी, प्रखंड भाजपा अध्यक्ष सतेंद्र झा, रविकांत सिन्हा, सुनील चौधरी, हरिदेव पासवान आदि शामिल थे. जानकारी हो कि बहादुरपुर गांव में होली के दिन 29 मार्च को पांडव पासवान की हत्या कर दी गयी थी. मामले में वरियारपुर पंचायत के मुखिया रंजीत राय सहित आठ लोगों को आरोपित किया गया. फिलहाल मुखिया फरार हैं.
एसएसपी करेंगे जांच
उपाध्यक्ष योगेंद्र पासवान ने बताया कि वे मामले की विस्तृत जांच के लिए गांव गये थे. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग अपनी-अपनी बात रखना चाह रहे थे. इसको लेकर हंगामा हुआ. उन्होंने मारपीट की घटना से इनकार किया है. श्री पासवान ने कहा कि मामले की जांच एसएसपी से करायी जायेगी. दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. कुछ महिलाएं अपनी बात रखने के लिए आक्रोशित थी. बयान देने के बाद वे शांत हुई.