मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के एक बालिका गृह में 34 बच्चियों के यौन शोषण मामले की सुनवाई कर रही विशेष पॉक्सो अदालत ने दो आरोपियों की हिरासत अवधि बढाने की सीबीआई की मांग मंगलवार को खारिज करते हुए दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश आरपी तिवारी ने रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर और विक्की की हिरासत अवधि बढाने की सीबीआई की मांग को खारिज कर दोनों का जेल भेज दिया.
सीबीआई ने मंगलवार को दोनों की हिरासत अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया था. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए उन्हें पांच दिन सीबीआई की हिरासत मे भेजा गया था. उल्लेखनीय है सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त उक्त बालिका गृह का संचालन बृजेश ठाकुर की स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संकल्प विकास समिति’ करती थी. मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा किए गए सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित उक्त बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण का मामला जून 2018 में सामने आया. इसे लेकर राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद 26 जुलाई, 2018 को राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.
इस मामले में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर से अपने पति चंद्रशेखर वर्मा की निकटता को लेकर बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अगस्त 2018 में इस्तीफा देना पड़ा था. आर्म्स एक्ट के एक मामले में चंद्रशेखर और मंजू ने क्रमश: 29 अक्तूबर एवं 20 नवबंर, 2018 को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. तभी से दोनों न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.