सकरा : सकरा थाना क्षेत्र के एनएच 28 स्थित सबहा गांव के समीप गुरुवार की सुबह बाइक व स्कॉर्पियो की टक्कर में बाइक चालक युवक सरमस्तपुर निवासी 25 वर्षीय विकास कुमार की मौत से भड़के लोगों ने सड़क जाम को खाली कराने गयी पुलिस से हाथापाई की. इससे आक्रोशित पुलिस ने जम कर लाठियां चटकाई.
इससे भगदड़ मच गयी. तब पुलिस ने सड़क जाम को तकरीबन पांच घंटे बाद मुक्त कराया और लाश को सौंप दिया. एएसपी पूर्वी राकेश कुमार ने थानाध्यक्ष के साथ र्दुव्यवहार की घटना व लाठियां चटकाने की बात से भी इनकार किया. उन्होंने कहा कि जाम के बाद जो कार्रवाई होनी चाहिए, वह की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, विकास अपने गांव के ही अजित कुमार व कोदई महतो के साथ बाइक से घर लौट रहा था कि रास्ते में सबहा के समीप एक स्कॉर्पियो ने उसे ठोकर मार कर चलते बना. ठोकर लगने से बाइक चला रहे विकास सहित तीनों गंभीर रूप से घायल हो गये. स्थानीय लोगों ने तीनों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया जहां गंभीर स्थिति देख कर चिकित्सकों ने एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया. यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद विकास ने दम तोड़ दिया.
अजित व कोदई को यहां से पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. बाद में आक्रोशित लोगों ने शाम में करीब साढ़े चार बजे विकास के शव को एनएच पर रख कर जाम कर दिया और थानाध्यक्ष के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे. जाम खाली कराने आयी पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा. थानाध्यक्ष का पुतला भी जलाया गया. बाद में सूचना मिलने पर एएसपी के नेतृत्व में वहां पहुंची मनियारी, मुशहरी, पीअर व सकरा थाना पुलिस को जाम हटवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. इसी दौरान कुछ लोगों ने सकरा थानाध्यक्ष सुदर्शन राम के साथ हाथापाई भी की. इससे पुलिस कर्मी भी भड़क गये और लाठियां चटकानी शुरू कर दी. इससे घटना स्थल पर भगदड़ मच गयी. लोग इधर-उधर भागने लगे.
घटना से ज्यादा पुलिस पर था आक्रोश : सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार बने विकास की घटना से ज्यादा आक्रोश लोगों को सकरा थानाध्यक्ष के प्रति था. आक्रोशित लोगों का कहना था कि पिछले एक जून को केशोपुर निवासी नागेंद्र राम की बाइक से सरमस्तपुर निवासी दिनेश साह को ठोकर लगी. इसमें दोनों घायल हो गये. इस मामले में पुलिस ने नागेंद्र की प्राथमिकी दर्ज कर ली और दिनेश की नहीं की. पुलिस के इस रवैये का गुस्सा गुरुवार को लोगों ने सड़क पर उतारा. उन्हें समझाने गये प्रखंड प्रमुख अनिल राम, पंसस मनोज पासवान, साधू शरण प्रसाद, मनोज गुप्ता आदि प्रतिनिधियों की एक न चली. उन्हें भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा.