मुजफ्फरपुर: ट्रैफिक पुलिस को उपलब्ध कराया गया क्रेन इन दिनों हाथी का दांत बना हुआ है. दो माह से ट्रैफिक थाने की पीछे क्रेन धूल फांक रहा था. हालांकि चार दिन पूर्व एसएसपी के निर्देश पर क्रेन से मोतीझील में अभियान चलाया गया, लेकिन एक घंटे के अंदर ही फिर से उसे वापस भेज दिया गया. बताया जाता है कि क्रेन पर पुलिस लाइन से चालक नियुक्त है. यहीं नहीं, क्रेन पर अलग से चार-चार सिपाही की भी तैनाती की गयी है. लेकिन क्रेन का उपयोग सड़क पर ट्रैफिक नियम के उल्लंघन करने वाले गाड़ियों पर नहीं किया जा रहा है. पूर्व के दिनों में क्रेन को मोतीझील पर तैनात कर दिया जाता था, जिससे पुल पर अवैध पार्किग होना बंद हो गया था.
हर माह सौ लीटर डीजल
क्रेन चलाने के लिए हर माह ट्रैफिक पुलिस को अलग से 100 लीटर डीजल उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन दो माह के अंदर एक-दो दिन ही क्रेन का उपयोग किया गया है. वही उसके चालक से चौक-चौराहों पर तैनाती कर डयूटी ली जा रही है. ट्रैफिक सूत्रों का कहना है कि डयूटी बदलने पर चालक के साथ एक-दो बार प्रभारी की डयूटी के नाम पर बकझक भी हो चुके है.
कहां गया डिवाइडर
शहर में जाम से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन ट्रैफिक प्रभारी शैलेंद्र कुमार के कार्यकाल में जगह-जगह डिवाइडर लगाया गया था. जिससे काफी हद तक जाम लगना बंद हो गया था. धीरे-धीरे शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहों पर लगा डिवाइडर व रस्सी भी गायब हो चुका है. डीएम अनुपम कुमार ने भी शहर वासियों को जाम से निजात दिलाने के लिए पहल की थी, लेकिन उसके बाद भी जाम से लोगों को छुटकारा नहीं मिल पाया है.
अभियान की निकली हवा
शहर में अवैध पार्किग करने वालों के खिलाफ चलायी जा रही अभियान की तीन दिनों में ही हवा निकल गयी है. एसएसपी के निर्देश पर तीन दिनों तक चला अभियान मंगलवार से ठप है. बुधवार को भी इसी कारण पूरा शहर जाम की चपेट में रहा. कंपनीबाग से सूतापट्टी जाने वाली मोड़ पर नियम का उल्लंघन कर दो बोलेरो चालक की मनमानी से जूरनछपरा से गोला रोड तक पूरे दिन जाम लगा रहा. सदर अस्पताल मोड़ के पास भी दिन भर जाम की स्थिति बनी हुई थी.