मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने शनिवार काे कहा कि जेई व एईएस से हुई मौत का ऑडिट राज्य सरकार करेगी. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि जो मौत हुई, उसका पता लगाया जायेगा कि वह विभाग की तैयारी में कोई कमी के कारण तो नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने यहां आकर समीक्षा की थी. उसी के फॉलोअप को लेकर आज फिर इस बीमारी से प्रभावित 10 जिलों के 227 ब्लॉक प्रभावित हैं.
समीक्षा के दौरान सभी जिलों में इसको लेकर अब तक हुई तैयारी पर चर्चा हुई, जिसमें इसको लेकर आवश्यक दवा, कंट्रोल रूम आदि की व्यवस्था हुई है कि नहीं. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसिजर बना है, जिसे इस बीमारी से प्रभावित सभी जिलों में सर्कुलेट किया गया है. सीएस को कहा गया कि अब इस बीमारी से होनेवाली मौत का ऑडिट होगा. ऐसे में वह तैयारी में कोई कमी नहीं करें. साथ ही सजग होकर बेहतर सेवा दे. मौत के दूसरे कारण हो सकते हैं.
हालांकि 2014 के बाद इसमें कमी आयी है. मौत कई कारणों से हो सकती है, इसको लेकर देश-विदेश के कई एक्सपर्ट आये. लेकिन इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया. भारत सरकार की संस्था नेशनल काउंसिल फॉर डिजिज कंट्रोल, आईसीएमआर और आरएमआई में इस पर रिसर्च जारी है. मरीज के ब्लड सैंपल आरएमआरआई में जांच के लिए भेजा जाता है.