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शब्बू समेत छह के आवास पर छापेमारी, शहर में ही जमी रही सीबीआइ
मुजफ्फरपुर : सीबीआइ ने कड़ी सुरक्षा के बीच सभी छह आरोपित को जेल भेजने के बाद देर शाम अलग -अलग टीम ने ब्रजेश सिंह, शाह आलम शब्बू, विक्कू शुक्ला सहित अन्य के घरों पर छापेमारी की. ब्रजेश के सुतापट्टी स्थित घर की तलाशी लेने के बाद टीम लौट गयी. हालांकि टीम को कुछ भी ठोस […]
मुजफ्फरपुर : सीबीआइ ने कड़ी सुरक्षा के बीच सभी छह आरोपित को जेल भेजने के बाद देर शाम अलग -अलग टीम ने ब्रजेश सिंह, शाह आलम शब्बू, विक्कू शुक्ला सहित अन्य के घरों पर छापेमारी की. ब्रजेश के सुतापट्टी स्थित घर की तलाशी लेने के बाद टीम लौट गयी.
हालांकि टीम को कुछ भी ठोस सबूत हाथ नहीं लगा. तीनकोठिया स्थित शब्बू के घर भी दो बोलरो से टीम पहुंची थी.
करीब 15 मिनट की तलाशी लेने के बाद टीम लौट गयी. टीम को विक्रांत शुक्ला का घर बंद मिला. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि तलाशी के दौरान किसी के घर से कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है.
अपहरण कर ले जाने की दिशा में की जांच
सीबीआइ के एसपी कल्याण भट्टाचार्य के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने देर शाम नवरुणा के घर के आसपास छानबीन की. जिस खिड़की को तोड़ कर उसका अपहरण किया गया था, उस जगह से जिस रास्ते से उसे ले जाया गया, उस संभावना पर एसपी खुद चार सदस्यीय टीम के साथ जांच की. यहीं नहीं, जिस नाले के पास कंकाल बरामद किया गया था, वहां पर विशेष तौर पर जांच की गयी. नवरुणा के घर की गली होते हुए टीम अंडीगोला पहुंची.वहां पूछताछ कर लौट गयी.
अब मास्टरमाइंड की सीबीआइ को तलाश
मुजफ्फरपुर : सीबीआइ अब इस प्रकरण में मास्टरमाइंड की तलाश है. इस केस से जुड़े कई सफेदपोशों की सूची भी सीबीआइ बना चुकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही नवरुणा कांड की जांच से जुड़े एक या दो पुलिस अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हो. 26 नवंबर 2012 को कंकाल बरामदगी के दिन पुलिस ने घटनास्थल से कोई सबूत एकत्रित नहीं किया था. मोबाइल का टावर डंप नहीं कराने से सीबीआइ को जांच में काफी परेशानी भी हो रही है. सूत्र बताते है कि अगर टावर डंप होता तो यह केस काफी पहले खुल सकता था.
साजिश के तहत फेंका कंकाल !
नवरुणा अपहरण के लगभग दो माह उसकी हत्या की गयी थी. ठिकाने लगाने के लिए शव के साथ निर्ममता भी हुई थी. नाले से मिले कंकाल के साथ एक टूटी हुई हड्डी से इस बात का संदेह सीबीआइ को है. नाले से पुलिस को जांच की हड्डी (फीमर) के साथ हाथ की हड्डी भी मिली थी. कंकाल पर एक कपड़े का टुकड़ा भी था. माना जा रहा है कि नवरुणा का अपहरण कर किसी दूसरे जगह छिपाया गया था. करोड़ों की जमीन की बात नहीं बनने पर उसकी बेरहमी से हत्या कर शव को एक साजिश के तहत चक्रवर्ती लेन नाले में लाकर रख दिया गया. बदबू नहीं फैले, इसलिए केमिकल का भी छिड़काव किया गया था.
जगह तलाश रही है सीबीआइ
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआइ अब यह जानना चाह रही है कि कंकाल को कहां से लाकर नाले में डाला गया था. अपहरण के बाद उसे लगभग दो माह तक कहां छिपा कर रखा गया. उसके पिता बार-बार उसे जिंदा होने की बात क्याें बोल रहे थे.
लाल कपड़े में पेश किया गया सबूत
विशेष न्यायाधीश के समक्ष सीबीआइ ने लाल कपड़े में करीब छह फाइल पेश की. कोर्ट में बताया कि इन सभी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है.
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