मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर के किशोर लगातार एचआइवी की चपेट में आ रहे हैं. इसकी पुष्टि एसकेएमसीएच के आंकड़े कर रहे हैं. इस साल अबतक 30 ऐसे पीड़ित यहां आ चुके हैं. इन किशारों की इलाज के साथ काउंसिलिंग भी की जाती है, ताकि उनकी जीवनशैली बेहतर हो सके. एआरटी सेंटर के प्रभारी डॉ दुर्गेश दिवाकर ने बताया कि ऐसे पीड़ितों को दवा देने के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से भी मजबूत किया जाता है. सेंटर के काउंसेलर रतीश कुमार सिंह ने कहा कि एआरटी सेंटर आनेवाले किशोरों में अच्छे घरों के भी लड़के हैं. ये लड़के गलत संगत में इससे ग्रसित हो गये हैं. पीड़ितों में पुरुषों की संख्या ज्यादा है
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एचआइवी की चपेट में आ रहे जिले के किशोर
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर के किशोर लगातार एचआइवी की चपेट में आ रहे हैं. इसकी पुष्टि एसकेएमसीएच के आंकड़े कर रहे हैं. इस साल अबतक 30 ऐसे पीड़ित यहां आ चुके हैं. इन किशारों की इलाज के साथ काउंसिलिंग भी की जाती है, ताकि उनकी जीवनशैली बेहतर हो सके. एआरटी सेंटर के प्रभारी डॉ दुर्गेश दिवाकर […]
550 मरीजों का कुछ पता नहीं : एआरटी सेंटर से 550 पीड़ितों से दवा लेना छोड़ दिया. इनका कुछ अता-पता नहीं है. इनको केंद्र ने गायब घोषित कर दिया है. वहीं पीड़ित 125 ऐसे हैं, जो एक महीने से दवा नहीं ले रहे हैं. जिले में एचआइवी पीड़ितों की संख्या 13,400 है. इनमें से 2700 की दवा एआरटी सेंटर से चलती है.
एचआइवी से जिले में अबतक 1250 लोगों की मौत हो चुकी है. इन पीड़ितों में सौ ऐसे भी हैं जो दवा नहीं लेना चाहते. 1500 पीड़ित बाहर इलाज कराने जा चुके हैं.
एआरटी सेंटर में नौ जिलों के पीड़ितों की होगी जांच : एसएकेएमसीएच में नौ जिलों के पीड़ितों की जांच की जायेगी. सेंटर में जल्द ही वायरल लोड मशीन लगायी जायेगी. इस मशीन से पता चल सकेगा कि पीड़ित व्यक्ति में एचआइवी संक्रमण का वायरस कितना फैला हुआ है. इस मशीन के लगने से मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेतिया के अलावा छपरा, सीवान या गोपालगंज जिले शामिल होंगे.
एआरटी केंद्र पर संसाधनों का अभाव
एआरटी केंद्र पर संसाधनों का अभाव है. तीन डॉक्टरों की जगह एक ही डॉक्टर काम कर रहे हैं. पीड़ितों के लिए खड़े रहने की जगह नहीं है. बड़ी मुश्किल से दवा लेने के लिए वे अंदर जा पाते हैं. केंद्र में चारों ओर गंदगी पसरी है. केंद्र के प्रभारी डॉ दुर्गेश ने बताया कि सफाई के लिए पत्राचार यहां से कर दिया गया है.
इस साल अब तक 130 मरीज
वर्ष मरीज उम्र
2015 525 14 साल तक के 45, 15 से 25 साल तक के 45
2016 517 14 साल तक के 214, 15 से 25 साल तक के 72
2017 566 14 साल तक के 36, 15 से 25 साल तक के 80
2018 130 14 साल तक के 3, 15 से 25 साल के 30
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