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पीएम के दौरे पर आतंकी खतरा

मुजफ्फरपुर : 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोतिहारी दौरे पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है. विशेष शाखा के पुलिस महानिरीक्षक ने उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है. आइबी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री को विस्फोट का शिकार बनाने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गयी है. घटना को अंजाम देने के इरादे से […]

मुजफ्फरपुर : 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोतिहारी दौरे पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है. विशेष शाखा के पुलिस महानिरीक्षक ने उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है. आइबी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री को विस्फोट का शिकार बनाने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गयी है. घटना को अंजाम देने के इरादे से थाईलैंड व पाकिस्तान मूल के 15 आतंकी समुद्री रास्ते से गुजरात होते हुए भारतीय सीमा में दाखिल हो चुके है. आइबी ने मोतिहारी एसपी को इसकी रिपोर्ट भेज विशेष सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिये हैं.

विशेष शाखा के पत्र में कहा गया है कि खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के दो ग्रुप में शामिल 15 प्रशिक्षित आतंकवादी पीएम को निशाना बनाने के लिए पंजाब और गुजरात के समुद्री रास्ते से भारत में दाखिल कर चुके हैं. केएलएफ के आतंकवादी कश्मीर सिंह के भी पटना और इसके सीमावर्ती सीमा में छिपे होने की आशंका है. उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए वह ढाढ़ी-मूंछ कटवा लिया है. पाक समर्थित
पीएम के दौरे
आइएसआइ ने भी अंतरराष्ट्रीय सिख युवा फेडरेशन (आइएसवाइएफ) के लखबीर सिंह रोड़े और खालिस्तान टाइगर फोर्स के जगतार सिंह तारा सहित सिख आतंकवादियों को विस्फोट, हथियार, कारतूस और रुपये से सहायता कर पीएम की सभा में हमला कर व्यवधान पहुंचाने की साजिश रचा है. यात्रा के दौरान सिमी तहरीक-ए-तालिबान जैसे खूंखार आतंकी संगठन के सहयोग से तीव्र विस्फोट कर पीएम को लक्षित करने की साजिश कर रहा है. इसका खुलासा जेल से फरार सिमी आतंकियों से पूछताछ के दौरान हुई है. 1 अक्तूबर 2013 को मध्य प्रदेश के खंडवा जेल से अबू फैजल उर्फ डॉक्टर सहित आधा दर्जन सिमी आतंकवादी फरार हो गये थे. इनमें से दो को पुन: गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आतंकियों ने पीएम को निशाना बनाने के लिए महिला आत्मघाती इकाई (शाहीन फोर्स) को भी प्रशिक्षित किये जाने की जानकारी भी पुलिस को दी थी.
विशेष विभाग ने मोतिहारी एसपी को लिखे पत्र में कहा है कि पीएम को कई आतंकी संगठनों, पाकिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों, मुस्लिम कट्टरपंथी, लश्करे तोयबा, जमाद उद दावा, अलकायदा, जैश-ए- मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अल-उमर-मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, सिमी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे आतंकवादी संगठन निशाने पर रखे हुए हैं. भारत-नेपाल सीमा पर आतंकी संगठनों के कई खूंखार आतंकवादी शरण लिये हुए हैं. आतंकवादी फरकत जमाल (फुलवारीशरीफ, पटना) की गिरफ्तारी आतंकवादी घटना में हो चुकी है. वहीं, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू की गिरफ्तारी भारत-नेपाल सीमा से हुई थी. फिर भी इस इलाके में इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी के बहुत से स्लीपर सेल मौजूद हैं. इसलिए विशेष सतर्कता की आवश्यकता है.

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