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जमीन देखने के लिए मुंबई से आयी टीम

मुजफ्फरपुर : मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल की टीम एसकेएमसीएच में अपना ब्रांच खोलेगी. सरकार से अनुमति मिलने के बाद बुधवार को तीन सदस्यीय टीम जमीन देखने के लिए एसकेएमसीएच पहुंची. उसने मेडिकल में खाली जमीन का मुआयना किया. टीम के साथ कॉलेज प्राचार्य डॉ विकास कुमार, मुशहरी सीओ नागेंद्र कुमार और डीसीएलआर पूर्वी […]

मुजफ्फरपुर : मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल की टीम एसकेएमसीएच में अपना ब्रांच खोलेगी. सरकार से अनुमति मिलने के बाद बुधवार को तीन सदस्यीय टीम जमीन देखने के लिए एसकेएमसीएच पहुंची. उसने मेडिकल में खाली जमीन का मुआयना किया. टीम के साथ कॉलेज प्राचार्य डॉ विकास कुमार, मुशहरी सीओ नागेंद्र कुमार और डीसीएलआर पूर्वी मो शाहजहां भी थे. इससे पहले भी टीम ने यहां आकर जमीन देखी थी. उस वक्त पांच एकड़ जमीन की बात हो रही थी, लेकिन इस बार 15 एकड़ जमीन चिह्नित की जा रही है.
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज परिसर में कैंसर अस्पताल खोला जाना है. इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार 15 एकड़ जमीन दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे. यह संस्थान 200 करोड़ की लागत से मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल की तर्ज पर यहां अस्पताल बनाया जायेगा. टाटा ट्रस्ट के सर्वे में उत्तर बिहार में सर्वाइकल, ओरल व स्तन कैंसर बहुत ज्यादा पाये गये थे. इसके बाद टाटा ट्रस्ट ने भाभा इंस्टीच्यूट के डॉक्टरों के साथ बैठक कर अस्पताल खोलने का निर्णय लिया.
कैंपस का मूड: सत्र समय से, लागू हो एकेडमिक कैलेंडर
बीआरए बिहार विवि व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गयी है. एक तरफ कॉलेज व विवि प्रशासन तैयारियों में जुटा है, तो वहीं छात्र बेहतर माहौल के लिए संभावित प्रत्याशियों के बारे में छानबीन शुरू कर दिये हैं. उनका कहना है कि जबतक सही पदाधिकारियों का चुनाव नहीं होगा, तबतक उनके सपने पूरे नहीं होंगे. जब छात्रसंघ के पदाधिकारी सही काम करनेवाले होंगे, तो विश्वविद्यालय का एकेडमिक सेशन सही हो जायेगा.इसके लिए एकेडमिक कैलेंडर लागू करना होगा.
शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जाये
छात्र संघ का पदाधिकारी ऐसा होना चाहिए, जो छात्रों की बात को विवि व कॉलेज प्रशासन के सामने मजबूती से रख सके. अभी छात्रों का काम कम व राजनीति अधिक होती है. छोटे काम के लिए भी महीनों तक अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता है. न परीक्षा समय पर होती है, न रिजल्ट मिलता है. छात्र संघ इस पर अंकुश लगा अच्छा माहौल बनायेगा.
प्रवीण कुमार, एलएस कॉलेज
हमें ऐसे छात्र नेता की जरूरत है, जो हर समय खुद को छात्रों से जोड़ कर रखे. साथ ही अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों का निर्वाह भी सही तरीके से करे. इस वक्त छात्रों की सबसे बड़ी समस्या समय पर परीक्षा का न होना ही है. इसलिए ऐसे छात्र नेता की जरूरत है, जो हमारी बातों को विवि के अधिकारियों के सामने प्रमुखता से रखते हुए उसका समय पर समाधान करा सके.
कुणाल सिंह, एलएस कॉलेज
विवि व कॉलेजों में छात्र संघ गठन के बाद छात्रों की समस्याओं का समय पर निदान हो सकेगा. छात्र संघ के पदाधिकारी छात्रों की हर समस्या का समाधान करायेंगे. कैंपस में महिलाओं के लिए भी अच्छा माहौल बनेगा. उनके सम्मान के लिए भी काम होगा. सकारात्मक सोच से काम होगा. इससे अब छात्रहित के कामों को प्रमुखता दिया जायेगा. उनकी बात भी सुनी जा सकेगी.
सम्राट, एलएस कॉलेज
जब विश्वविद्यालय व कॉलेजों में छात्र संघ के पदाधिकारियों का चुनाव हो जायेगा, तब छात्रों की बातें भी प्रमुखता से उठाई जाएंगी. अभी विश्वविद्यालय में बाहर से आनेवाले छात्रों का आर्थिक व मानसिक शोषण होता है. जान-बूझकर परीक्षा व रिजल्ट में समस्या खड़ी की जाती है, जिससे उसमें सुधार के नाम पर वसूली हो सके. छात्रों की बात सुनने वाला भी कोई नहीं होता है.
सत्यम कुमार, एलएस कॉलेज

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