मीनापुर: थाना क्षेत्र के खुटौना गांव में दूल्हे राजा को बिना सात फेरे लिये ही घर लौटना पड़ा. उसे क्या पता था कि उपहार में सिर्फढोलना ले जाना महंगा पड़ सकता है. बुधवार की रात खुटौना गांव के नागेंद्र साह के दरवाजे पर मंगल गीत गूंज रहे थे. उनकी पुत्री कुमारी अंजू की शादी की धूमधाम से तैयारी थी.
बोचहां के पिटयासा से नारद साह के पुत्र धर्मेद्र कुमार बरात लेकर पहुंच चुके थे. लड़की के पिता नागेंद्र साह ने वधु पक्ष को उपहार स्वरूप एक लाख पांच हजार रु पये नकद दिया था. बरात सज संवर कर दरवाजे पर पहुंच चुकी थी. जयमाला की रस्म भी उल्लासपूर्ण वातावरण में हुआ. तिलकोत्सव के बाद बराती पक्ष कन्या निरीक्षण के लिए मंडप में पहुंचे. लेकिन वहां उपहार में सिर्फ ढोलना देख वधु पक्ष के लोग गुस्सा गये. ब्राह्नाण को दक्षिणा देने में भी वर पक्ष की आनाकानी से स्थिति बिगड़ गयी. सात फेरे से पहले ही दूल्हा समेत 15 बरातियों को बंधक बना लिया गया.
मुखिया पति चंदेश्वर साह ने सुलह का प्रयास किया, लेकिन प्रयास निर्थक रहा. गुरु वार को उपहार की राशि लौटाने के बाद बराती पक्ष को मुक्त किया गया. इसी प्रकार धर्मेद्र की शादी के अरमान पर पानी फिर गया.