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नागपंचमी आज, सुबह साढ़े छह बजे से करें पूजा

नाग देवता को चढ़ाया जायेगा दूध-लावा नाग पूजा से अाती है समृद्धि व खुशहाली मुजफ्फरपुर : सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर गुरुवार को नागपंचमी की पूजा की जायेगी. ज्योतिष के अनुसार नागपंचमी सुबह सात बजकर दो मिनट पर कर्क लग्न में शुरू हो रही है. सुबह सात बजकर 14 मिनट पर कर्क […]

नाग देवता को चढ़ाया जायेगा दूध-लावा

नाग पूजा से अाती है समृद्धि व खुशहाली
मुजफ्फरपुर : सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर गुरुवार को नागपंचमी की पूजा की जायेगी. ज्योतिष के अनुसार नागपंचमी सुबह सात बजकर दो मिनट पर कर्क लग्न में शुरू हो रही है. सुबह सात बजकर 14 मिनट पर कर्क लग्न समाप्त हो रहा है. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र गुरुवार की रात चार बजकर 39 मिनट पर समाप्त होेगा.
हालांकि कई ज्योतिषों का मानना है कि नागपंचमी में सुबह 6.30 से 8 बजे तक व दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पूजा करने का सही मुहूर्त है. इस दिन नागों की पूजा के साथ पेड़ों के नीचे दूध-लावा चढ़ाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा से समृद्धि व खुशहाली आती है. साथ ही जीवन भर सांपों का भय नहीं रहता है. पं. रत्नेश मिश्रा ने कहा कि नागपंचमी पर मुहूर्त के अनुसार पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
पूजा करने की विधि
नाग पंचमी के दिन पूजा करने के लिए स्नान ध्यान के बाद साफ वस्त्र धारण कर दीवार पर गेरू से पोतकर पूजन का स्थान बनाए. इसके लिए चांदी के बने नाग देवता का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
गाय के कच्चे दूध में कोयला घिस कर गेरू से पुती दीवार पर या गेरू लगी हुई थाली में नागदेवताओं की आकृति बना कर पूजा करें.
स्याही से या हल्दी से घर के दरवाजों पर पांच फन वाले नाग की आकृति बनाएं. नागों की बॉबी में दूध चढ़ाएं. अगर ये दूध मिट्टी के बर्तन में हों, तो ज्यादा अच्छा है. इसके बाद दीवार पर बने नागदेवताओं की दही, दूर्वा, चावल, फूल व चंदन से पूजा करें.
विरान जगह पर मिट्टी की कटोरी में गाय का कच्चा दूध रखकर छोड़ दें.

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