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नहीं मिली सूची, हम कैसे रोकें हाजिरी बनाने से
मुजफ्फरपुर: फर्जी शिक्षकों के हाजिरी बनाने के मामले में जिम्मेदार ठहराये जाने पर प्राथमिक व मध्य स्कूलों के प्रधानाचार्यों में रोष है. मंगलवार को करीब एक दर्जन स्कूलों के प्रधानाचार्य इस मामले में डीएम धर्मेंद्र सिंह से मिले. उनका तर्क है कि जब नियोजित शिक्षकों को स्कूलों में योगदान देना था, तब प्रधानाचार्य को प्रशासन […]
मुजफ्फरपुर: फर्जी शिक्षकों के हाजिरी बनाने के मामले में जिम्मेदार ठहराये जाने पर प्राथमिक व मध्य स्कूलों के प्रधानाचार्यों में रोष है. मंगलवार को करीब एक दर्जन स्कूलों के प्रधानाचार्य इस मामले में डीएम धर्मेंद्र सिंह से मिले. उनका तर्क है कि जब नियोजित शिक्षकों को स्कूलों में योगदान देना था, तब प्रधानाचार्य को प्रशासन की ओर से सूची उपलब्ध करायी गयी थी.
लेकिन, शिक्षकों के फर्जी साबित होने के बाद उनकी बर्खास्तगी के संबंध में अभी तक उन्हें कोई सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है. ऐसे में वे किस आधार पर फर्जी शिक्षकों की पहचान करें! कैसे किसी शिक्षक को हाजिरी बनाने से रोक दें! उन्होंने मांग की कि उन्हें जल्द-से-जल्द फर्जी शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायी जाये. डीएम ने आश्वासन दिया कि जल्दी ही उन्हें वह सूची उपलब्ध करा दी जायेगी.
पिछले साल अक्तूबर-नवंबर महीने में नियोजित शिक्षकों की जांच हुई थी. जांच के क्रम में पता चला था कि जिले में 335 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास टीइटी का सर्टिफिकेट तक नहीं है. इसके बाद डीएम के आदेश पर उन सभी को बरखास्त कर दिया गया था. इसके बावजूद ये शिक्षक स्कूलों में हाजिरी बनाते रहे. इसका खुलासा होने के बाद डीएम धर्मेंद्र सिंह ने इसके लिए संबंधित स्कूलों के प्रधानाचार्य व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए उन पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था. कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है.
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