इसके बाद व्यापारियों से एक कागज पर उनका फीडबैक लिया गया. यह बात सामने आयी कि कपड़ा के रिटेल व्यापर में बहुत आयटम है जिसे मेनटेन करना संभव नहीं है. ऐसे में सरकार कुल बिक्री पर एक प्रतिशत टैक्स ले, इससे राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापार में सरलता आयेगी. कंपोजिशन स्कीम में ऊपर की सीमा है, उसे बढ़ाया जाये.
Advertisement
जीएसटी पर कार्यशाला शुरू, रिटेल व्यवसाय में हैं कई उत्पाद, मेंटेन संभव नहीं
मुजफ्फरपुर : साकेत सिंथेटिक्स की ओर से मंगलवार को उत्तर बिहार के खुदरा कपड़ा व्यवसायियों के लिए जीएसटी पर तिलक मैदान स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. साकेत के रमेश चंद्र टिकमानी, वरिष्ठ अधिवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल, अधिवक्ता संजय चुड़ीवाल, सीए नीतीन बंसल व आदित्य तुलस्यान ने व्यापारियों […]
मुजफ्फरपुर : साकेत सिंथेटिक्स की ओर से मंगलवार को उत्तर बिहार के खुदरा कपड़ा व्यवसायियों के लिए जीएसटी पर तिलक मैदान स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. साकेत के रमेश चंद्र टिकमानी, वरिष्ठ अधिवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल, अधिवक्ता संजय चुड़ीवाल, सीए नीतीन बंसल व आदित्य तुलस्यान ने व्यापारियों को जीएसटी के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी.
रमेश चंद्र टिकमानी ने कहा कि टैक्स की जटिलता को दूर करने के लिए सभी व्यवसायियों का प्रतिनिधि मंडल सरकार को मेमोरेंडम देगा, ताकि इसे दूर किया जा सके. अधिवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल ने विषय प्रवेश कराया. सेमिनार में उत्तर बिहार से करीब दो सौ खुदरा व्यवसायियों ने भाग लिया. बुधवार व गुरुवार को लजीज रेस्टोरेंट में सेमिनार का आयोजन होगा. इसे सफल बनाने में सज्जन शर्मा सहित अन्य सदस्यों की सराहनीय भूमिका रही.
20 लाख से ऊपरवालों पर जीएसटी लागू : सीए आदित्य तुलस्यान ने बताया कि जीएसटी में सभी टैक्स को एक जगह कर दिया गया है. जिन व्यवसायियों 20 लाख तक व्यवसाय है वह इस दायरे में नहीं आते हैं. अगर वे ट्रांसपोर्ट टैक्स देते हैं तो दायरे में आएंगे. टैक्स दायरे में नहीं आने वाले वोलंटियर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. पूरे देश में एक टैक्स लगेगा, सभी काम ऑनलाइन होंगे. 3 से 17 दिन में निबंधन हो जाता है, अगर कुछ छूट जाता है तो उससे संबंधित सूचना भी आपको उपलब्ध होगी. निबंधन के बाद छह माह तक काम शुरू नहीं करते हैं तो निबंधन कैंसिल करा सकते हैं.
हर ट्रांजेक्शन का बिल जरूर लें: सीए नीतीन बंसल ने बताया कि हम जो इनपुट टैक्स देते हैं वह एडवांस टैक्स होता है. हर काम का बिल जरूर लें. बकाया का भुगतान 180 दिनों के भीतर कर दें. अगर आपको माल देने वाला सप्लायर टैक्स की चोरी करता है तो आपको इनपुट टैक्स का लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में अपने सप्लायर के बारे में जरूर जानें. निबंधन के बाद नंबर अपने प्रतिष्ठान के बाहर लगायें. कंपोजिशन वाले तिमाही व रेगुलर वाले प्रतिमाह टैक्स देंगे. इसके लिए अधिवक्ता सीए, एकाउंटेंट की मदद ले सकते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement