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विवि का एकेडमिक कैलेंडर फाइलों में बंद

मुजफ्फरपुर : एकेडमिक कैलेंडर बनाने का उद्देश्य क्वालिटी एजुकेशन व अनुशासन पूर्ण शिक्षा का प्रारूप तैयार करना है. लेकिन जब एकेडमिक कैलेंडर केवल फाइलों में कैद होकर रह जायेगी, तो क्वालिटी एजुकेशन का सपना सार्थक नहीं हो सकेगा. बीआरए बिहार विवि का हाल भी कुछ ऐसा ही हैं, क्योंकि जिनके हाथों में यह व्यवस्था है. […]

मुजफ्फरपुर : एकेडमिक कैलेंडर बनाने का उद्देश्य क्वालिटी एजुकेशन व अनुशासन पूर्ण शिक्षा का प्रारूप तैयार करना है. लेकिन जब एकेडमिक कैलेंडर केवल फाइलों में कैद होकर रह जायेगी, तो क्वालिटी एजुकेशन का सपना सार्थक नहीं हो सकेगा. बीआरए बिहार विवि का हाल भी कुछ ऐसा ही हैं, क्योंकि जिनके हाथों में यह व्यवस्था है. वह खुद ही नहीं चाह रहे हैं कि इसमें सुधार हो. उनकी कार्यशैली भी कठघरे में है. यही वजह है कि उच्च शिक्षा में विवि की गरिमा लगातार गिरती जा रही है, जिन्हें कैलेंडर बनाने की कमान सौंपी गयी, उन्होंने कागज के पन्नों में उसे बना तो दिया.
जून, जुलाई व जनवरी में होना चाहिए एडमिशन
विवि की ओर से तैयार किये गये एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार पीजी फर्स्ट सेमेस्टर (सत्र-2017-18) का एडमिशन जून माह में होना चाहिए. वहीं सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर का जनवरी, 2018 में, थर्ड सेमेस्टर का जुलाई, 2017 में होना चाहिए. लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो सकी है, क्योंकि अभी त विवि स्नातक थर्ड पार्ट का रिजल्ट तक जारी नहीं कर सका है.
फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा नियमानुसार दिसंबर, 2017 में हो जानी चाहिए और दिसंबर के चौथे सप्ताह में प्रैक्टिकल होना चाहिए. उसके 25 दिनों बाद रिजल्ट का प्रकाशन होना चाहिए. फिलहाल मौजूदा दौर में ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि अब तक पीजी फर्स्ट सेमेस्टर में एडमिशन तक नहीं हो सका है. ऐसे में अन्य सेमेस्टर की बात करना बेमानी होगी. यही वजह है कि विवि में दो साल के पीजी की डिग्री देने में तीन साल से अधिक का समय लगा देता है और तो और यूजी के तीन साल की डिग्री देने में विवि चार साल से अधिक का समय लगाता है.
बीएचएमएस व वोकेशनल कोर्स का भी बुरा हाल
पीजी व यूजी में एकेडमिक कैंलेडर लागू करने में जहां विवि हर साल पीछे रहता है. वही वोकेशनल कोर्स सहित बीएचएमएस जैसे कोर्स में भी विवि हर साल पीछे रहता है.

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