मुजफ्फरपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल में रोजगार घटा. गरीबों की योजना में कटौती की गयी. किसानों को डेढ़ गुना फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिला. लोगों को घर नहीं मिला. सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार किसानों पर गोलियां चलवा रही है. देश में सांप्रदायिकता बढ़ी है. उधर चंपारण सत्याग्रह के नाम पर उत्सव मनाने वाली नीतीश सरकार हजारों एकड़ सीलिंग से फाजिल जमीन किसानों को नहीं बांट रही है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है.
यहां बोर्ड से पास बच्चों को दूसरे राज्यों में हेय की दृष्टि से देखा जा रहा है. दोनों सरकार में दलित व गरीब पर हमले बढ़े है. उक्त बातें ऐपवा राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने रविवार को कही. वे गाइडेंस आइटीआइ इंस्टीच्यूट में भाकपा (माले) के कार्यकर्ता कन्वेंशन में बोल रही थीं. इसमें खेग्रामस के सदस्यता अभियान, भूमि अधिकार संघर्ष व पार्टी के 10वें महाधिवेशन की तैयारी पर चर्चा हुई. वक्ताओं ने कहा कि भाजपा का सांप्रदायिक अभियान सुदूर देहात में पहुंच गया है. नीतीश राज में रोहुआ में परचा प्राप्त किसानों की जमीन छीनी जा रही है.