मुजफ्फरपुर : पताही हवाई अड्डा से हवाई सेवा दुबारा शुरू करने के 475 एकड़ जमीन का अर्जन होना है. इसके लिए संभावित एस्टीमेट तैयार भी कर लिया गया. पर, इसमें अब फिर फेरबदल होगा. नया एस्टिमेट स्थल निरीक्षण के बाद तैयार होगा. इसके माध्यम से अर्जित होने वाली संभावित जमीन की किस्म भी देखी जायेगी. फिलहाल जो संभावित एस्टीमेट तैयार किया गया है, उसमें जमीन की किस्म कॉमर्शियल मानी गयी है, जिसकी संभावित एस्टीमेट करीब एक खरब 40 अरब रुपये है.
हालांकि, खुद अधिकारियों का मानना है कि हवाई अड्डे के पास अधिग्रहित होने वाली पूरी 475 एकड़ जमीन कॉमर्शियल नहीं हो सकती है. उसमें कुछ आवासीय व विकासशील जमीन भी होगी. यदि ऐसा होता है तो संभावित एस्टीमेट काफी घट जायेगा. यह गिरावट आधी से चौथाई तक हो सकती है. दरअसल, जिला अवर निबंधक ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को पताही के तीन चादरों की जमीन का जो सर्किल रेट भेजा है, उसके अनुसार हवाई अड्डा के आसपास की कॉमर्शियल जमीन का रेट 5 से 6 लाख रुपये प्रति डिसमिल है. वहीं, आवासीय जमीन का दर 1.5 से 3 लाख रुपये है.
इसी तरह हवाई अड्डा के आसपास की विकासशील जमीन की दर 75 हजार से एक लाख के बीच है. यदि उम्मीदों के अनुसार हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के लिए जो जमीन चिन्हित होगी, तीनों किस्म मिलाकर होगी तो संभावित एस्टीमेट गिरकर 25 अरब से 1.25 खरब के बीच राह जायेगी. फिलहाल एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने प्रशासन से सिर्फ 475 एकड़ जमीन का संभावित रेट ही बताने को कहा है. किस जमीन का अधिग्रहण होगा, इसका जिक्र उसके पत्र में नहीं है. ऐसे में प्रशासन की कोशिश है कि संभावित एस्टीमेट वास्तविकता के बेहद करीब हो, ताकि भविष्य में यदि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो तो राशि को लेकर किसी प्रकार का विवाद न हो.475 एकड़ जमीन के अर्जन से पताही हवाई अड्डा से टी-72/क्यू400 टाइप व 320 टाइप एयरक्राफ्ट का रास्ता साफ हो जायेगा. इसके लिए रन-वे की दिशा भी बदलनी पड़ेगी.