मीनापुर: नोबेल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरू की ओर से सोढना माधोपुर गांव में करैला की खेती कब और कैसे करें इसको लेकर प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण देने वैज्ञानिक अनिल कुमार के खेत पर पहुंचे. प्रशिक्षण में अनिल कुमार, विनोद कुमार, सुरेंद्रकांत आलोक,मोहन पासवान,देवालाल प्रसाद, मस्तान प्रसाद, अखिलेश कुमार व प्रगास ठाकुर के अलावा आसपास के गांवों के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. कंपनी के बिहार व झारखंड के संयुक्त प्रभारी बीएन दुबे ने कहा कि करैला की खेती सेहत के लिए ही नहीं आर्थिक रूप से भी लाभकारी खेती है.
टीएम निरंतर शाही ने करैला की आधुनिक खेती व इसमें लगने वाले रोगों से बचाव के बारें में बताया. किसान अनिल कुमार व सुरेंद्रकांत आलोक ने कहा कि करैला की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
नोबेल सीड्स अर्चना करैला की खेती के लिए लाभकारी साबित हो रहा है. किसानों ने बताया कि सोढना माधोपुर के आसपास के गांव करैला की खेती का हब बन गये है. यहां पर बड़े पैमाने पर करैला की खेती होती है. किंतु पर्याप्त मंडी व भंडारण की सुविधा नहीं है. इसलिए यहां से करैला आरा,भोजपुर समेत यूपी व नेपाल भी जाता है.