मुंगेर : जी हां! यदि आप गौर बाबू हॉस्पीटल अर्थात दी टैम्पुल ऑफ हैनिमैन होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल जा रहे हैं तो अपने साथ पानी का बोतल साथ ले जायें. मरीजों के लिए हॉस्पीटल में पेयजल के नाम पर एक चापाकल लगाया गया है, जो महीनों से खराब है़ प्रबंधन द्वारा खराब चापाकल को तो आज तक मरम्मत नहीं करवायी गयी, किंतु एक समरसेबुल जरूर लगा दिया गया़ हाल यह है कि यह समरसेबुल भी मरीजों का प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है़
बिजली रही तब तो ठीक है अन्यथा लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी ही सहारा है. अस्पताल में जहां एक ओर चिकित्सकीय सुविधा का घोर अभाव है. वहीं रोगियों को मिलने वाली सामान्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है. न पीने के लिए पानी है और न ही शौचालय के लिए समुचित व्यवस्था. अस्पताल परिसर में साफ-सफाई भी बेहतर नहीं है. अलबत्ता प्यास लगने पर जहां लोगों को बोतल बंद पानी लेना पड़ता है, वहीं शौचालय के लिए बाहर का रास्ता अपनाना पड़ता है.