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शहर की सफाई को मांगा पुलिस जवान

बाजार में कचरा फैला हुआ है. दीपावली नजदीक है. लेकिन, सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. आमजन परेशान और हलकान हैं. यहां तक की छठ घाट की सफाई, जो दुर्गा पूजा के बाद ही शुरू हो जाती थी, वह भी नहीं हो पा रही है. शहर की यह हालत सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से […]

बाजार में कचरा फैला हुआ है. दीपावली नजदीक है. लेकिन, सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. आमजन परेशान और हलकान हैं. यहां तक की छठ घाट की सफाई, जो दुर्गा पूजा के बाद ही शुरू हो जाती थी, वह भी नहीं हो पा रही है. शहर की यह हालत सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से है.नप कार्यपालक पदाधिकारी ने चुप्पी तोड़ते हुए डीएम से पत्र लिख कर पुलिस बल की मांग की है.
मधेपुरा : शहर में हर तरफ गंदगी है. घाटों पर कीचड़ और दलदल है. नदी का पानी भी अपने उच्चतम स्तर पर है. शहर की यह हालत सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से है. इस मामले में नगर परिषद प्रशासन को एजेंसी द्वारा लिख कर दिया गया है कि उनके मजदूरों को काम नहीं करने दिया जा रहा है. उनके मजदूरों के साथ स्थानीय सफाई कर्मी दुर्व्यवहार कर रहे हैं.
इस मामले में आखिरकार नप कार्यपालक पदाधिकारी ने चुप्पी तोड़ते हुए डीएम से पत्र लिख कर पुलिस बल की मांग की है, ताकि शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रह व सफाई कार्य सुचारु रूप से कराया जा सके. डोर टू डोर कचरा संग्रह योजना के तहत मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र को दो भागों में बांटते हुए दो एनजीओ को कार्य आवंटित किया गया है.
वार्ड नंबर एक से 13 तक पंच फाउंडेशन को कार्य दिया गया है. वहीं वार्ड 14 से 26 तक जीवन ज्योति संस्थान को कचरा संग्रह करना है.दोनों एनजीओ ने दो अक्तूबर से कार्य शुरू भी किया. इस बीच नगर परिषद मधेपुरा में दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे सफाई कर्मियों ने असहयोग शुरू किया. इनका कहना था कि नगर परिषद के अधीन ही सफाई कार्य रहे. वहीं नगर परिषद ने स्पष्ट कर दिया कि सफाई कार्य नगर विकास विभाग के निर्देश के अनुसार एनजीओ के माध्यम से कराना है. शहर के हर नागरिक तक कचरा संग्रह योजना को बगैर ढांचा गत रूप दिये और एनजीओ को सौंपे संभव नहीं है.
शुरू में एनजीओ ने बाहर से मजदूर लाकर कार्य जारी रखा. लेकिन इन दिनों स्थानीय सफाई कर्मियों द्वारा इन मजदूरों को परेशान किया जाने लगा. इसके बाद एनजीओ इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिख कर अविलंब हस्तक्षेप की गुहार लगायी. दोनों एनजीओ का कहना है कि स्थानीय सफाई कर्मी कार्य नहीं करना चाहते है और शहर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त हो इसका भी विरोध करते हुए हाथा पायी पर उतारू हो जाते हैं.
क्या कहते हैं सफाई कर्मी
सफाई कर्मियों का कहना है उनलोगों ने अपनी सेवा स्थायी करण के लिए हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. इस मामले के निपटारा तक नगर परिषद को उनलोगों से काम लेना चाहिए. वहीं वे एनजीओ पर ड्रेस, दस्ताना तथा अन्य उपकरण नहीं उपलब्ध कराने की बात भी कहते है. इन मजदूरों का कहना है कि बाहर से मजदूर लाकर इनकी रोजी रोटी छीनी जा रही है. उसका भी विरोध कर रहे हैं.

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