Advertisement
बेलन बाजार में घुसा बाढ़ का पानी
सैलाब. फिर बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, बाढ़ की स्थिति विकराल मुुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 30 सेमी नीचे है. बाढ़ के खतरे को देख राहत केंद्र बनाये गये हैं. जिलाधिकारी ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. मुंगेर : गंगा का जलस्तर ऊफान पर है. गुरुवार को जहां […]
सैलाब. फिर बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर, बाढ़ की स्थिति विकराल
मुुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ 30 सेमी नीचे है. बाढ़ के खतरे को देख राहत केंद्र बनाये गये हैं. जिलाधिकारी ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया.
मुंगेर : गंगा का जलस्तर ऊफान पर है. गुरुवार को जहां जलस्तर स्थिर रहा. वहीं शुक्रवार को जलस्तर में वृद्धि होने लगी. मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से महज 30 सेंटीमीटर नीचे है.
शुक्रवार की शाम जलस्तर 39.03 मीटर दर्ज किया गया. जलस्तर बढ़ने से रोजाना नये गांवों व क्षेत्रों को बाढ़ का पानी अपने आगोश में ले रहा. जिसके कारण लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग घर-वार छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे. जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और पदाधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत कैंप तक पहुंचाने का आदेश दिया. केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को गंगा का जलस्तर स्थिर रहा और लोगों ने सांस ली कि अब जलस्तर नहीं बढ़ेगा.
लेकिन देर रात के बाद से ही जलस्तर बढ़ना प्रारंभ हो गया. प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर के हिसाब से बढोतरी होने लगी और शुक्रवार की शाम पुन: जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा और 39.03 पर पहुंच गया. विदित हो कि मुंगेर में खतरे का निशान 39.33 मीटर अंकित है. जल आयोग के अनुसार, यदि पानी बढ़ने का यदि रफ्तार रहा तो शनिवार को खतरे के निशान तक पहुंच जायेगा.
नये क्षेत्रों में घुस रहा पानी : ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्र में बाढ़ का पानी अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है. एक ओर जहां टीकारामपुर, जाफरनगर, कुतलुपुर पंचायत पुरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो गया है.
वहीं मय, मिर्जापुर बरहद पंचायत का भी चौर पुरी तरह से डूब गया है. शहरी क्षेत्र बेलन बाजार बंगाली टोला में पानी घुस गया है. जबकि पानी बढ़ने के कारण शक्तिपीठ चंडिका स्थान में पूजा-अर्चना को बंद कर दी गयी है. क्योंकि चंडिका स्थान में कमर भर पानी पहुंच चुका है. बरियारपुर का एकाशी सहित आधे दर्जन गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया. जबकि सीताकुंड से एनएच को जोड़ने वाली हरदियाबाद रोड़ चिकदह के समीप सड़क पर पानी का बहाव हो रहा है.
पीड़ितों को राहत केंद्र पहुंचाने का निर्देश : वर्तमान समय में दो स्थानों पर जिला प्रशासन की ओर से राहत केंद्र संचालित हो रहा है. लखीसराय जिले के अमरपुर मध्य विद्यालय में कुतलुपुर परोरा टोला के बाढ़ विस्थापित परिवारों को रखा गया है. जबकि जिला स्कूल में भी राहत केंद्र बनाया गया है. एसडीओ डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर नाव से विस्थापितों को उचित राहत केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है.
शुक्रवार की शाम से पका हुआ भोजन राहत केंद्र पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि जहां भी बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत केंद्र चलेगा वहां पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए संबंधित प्रखंड के बीडीओ व सीओ को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं.
पशु चारा को लेकर आज होगी बैठक: बाढ़ के कारण पशुपालकों के समक्ष पशु चारा की समस्या उत्पन्न हो गयी. जिसके कारण पशुओं को भुखा रखना उनकी मजबुरी हो गयी. एसडीओ डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शनिवार को बाढ़ की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी है. जिसमें पशु चारा के लिए दर का निर्धारण किया जायेगा. जिसके बाद पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement