रंगदारी मांगने वाले गिरोह का मुख्य सरगना है मंजीत फर्जी सीम कार्ड व मोबाइल बदल-बदल कर मांगता था रंगदारी फोटो संख्या : 19फोटो कैप्सन : गिरफ्तार अपराधी के साथ पुलिस अधीक्षक आशीष भारती प्रतिनिधि : मुंगेर ————-मुंगेर एवं जमालपुर के व्यवसायियों से लगातार रंगदारी की मांग करने वाले गिरोह का मुख्य सरगना मुंगेर शहर के संदलपुर का रहने वाला मंजीत साह है. वह अपने सहयोगी युवकों के द्वारा व्यवसायियों को पत्र भेज कर एवं फोन व मोबाइल के माध्यम से रंगदारी की मांग करता रहा है. इस बात का खुलासा गुरुवार को पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने किया. व्यवसायियों से मांगी थी रंगदारी एसपी ने बताया कि 2 फरवरी 2016 को हार्डवेयर व्यवसायी मकससपुर निवासी जयनंदन सिंह से नक्सली एरिया कमांडर सलीम खां के नाम पर 20 लाख रुपये रंगदारी की मांग अपराधियों ने पत्र भेज कर किया था. उसके बाद लगातार फोन कर उससे रंगदारी की राशि मांगी जाने लगी. इसी दौरान 4 मार्च को कोतवाली थाना क्षेत्र के एक जूता व्यवसायी से भी 1 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की गयी. जिसमें शकुंतला देवी ने कोतवाली थाने में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन अपराधी इतने पर भी दम नहीं मारा और 3 अप्रैल 2016 को जमालपुर थाना क्षेत्र के बिल्डिंग मेटेरियल दुकानदार संजय अग्रवाल से 10 लाख रुपये रंगदारी की मांग की. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को रंगदारी मांगने में प्रयुक्त किये गये सीम कार्ड व मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया है. जिसमें जमालपुर छोटी केशोपुर के सचिन यादव एवं गार्डन बाजार मुंगेर के निक्की कुमार शामिल हैं. संदलपुर का मंजीत है मुख्य सरगना गिरफ्तार सचिन व निक्की ने कहा कि संदलपुर निवासी मंजीत साह जिसे वे लोग मंजीत मामा कहते हैं उसी के कहने पर मोबाइल से फोन कर रंगदारी की मांग की थी. वे लोग मात्र एक दो बार ऐसा किया. उसके बाद लगातार मंजीत मामा और आकाश कुमार ही रंगदारी मांगता था. मंजीत व आकाश अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस का भी मानना है कि गिरोह का मुख्य सरगना मंजीत साह ही है. निक्की कराता था सूचना उपलब्ध पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि सचिन यादव का ननिहाल संदलपुर है. उसके मामा का नाम धर्मवीर यादव है. सचिन संदलपुर के ही मंजीत साह व आकाश के साथ आपराधिक कार्यों में संलिप्त रहता है. गार्डेन बाजार में निक्की के घर के सामने ही जयनंदन सिंह का हार्ड वेयर का दुकान था. निक्की ही व्यवसायी के हर गतिविधि की जानकारी मंजीत व उसके गिरोह को उपलब्ध कराता था. जबकि मंजीत का ससुराल भी व्यवसायी के घर मकससपुर में ही था. जहां वह हमेशा आया जाता करता था. कैसे हुई गिरोह की पहचान पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि पुलिस ने जब तीनों घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर एवं मोबाइल के आइएमइआइ नंबर की पड़ताल की तो पाया गया कि एक ही गिरोह द्वारा मोबाइल का उपयोग किया जा रहा है. इसी आधार पर पुलिस अपराधियों तक पहुंची और गिरोह का उद्भेदन हुआ. छापेमारी में ये थे शामिल छापेमारी में एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा, कासिम बाजार थानाध्यक्ष राकेश कुमार, कोतवाली मनोज कुमार सिन्हा, जमालपुर राजीव कुमार, पूरबसराय कुमार सन्नी, वासुदेवपुर राजीव रंजन शामिल थे. ————————-फर्जी सीम विक्रेता पर होगी कार्रवाई मुंगेर : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधी मोबाइल और सीम कार्ड बदल-बदल कर व्यवसायियों से फोन कर रंगदारी मांगता था. कई सीम कार्ड ऐसे हैं जो इन अपराधियों के नाम से जारी नहीं है और ये लोग दूसरे के नाम पर फर्जी सीम खरीदे थे. उन्होंने कहा कि अपराधियों ने जहां से सीम कार्ड खरीदा है पुलिस उस बिंदु पर भी जांच कर रही है.
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रंगदारी मांगने वाले गिरोह का मुख्य सरगना है मंजीत
रंगदारी मांगने वाले गिरोह का मुख्य सरगना है मंजीत फर्जी सीम कार्ड व मोबाइल बदल-बदल कर मांगता था रंगदारी फोटो संख्या : 19फोटो कैप्सन : गिरफ्तार अपराधी के साथ पुलिस अधीक्षक आशीष भारती प्रतिनिधि : मुंगेर ————-मुंगेर एवं जमालपुर के व्यवसायियों से लगातार रंगदारी की मांग करने वाले गिरोह का मुख्य सरगना मुंगेर शहर के […]
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