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उदासीनता: चार शक्षिकों के भरोसे कक्षा आठ तक की पढ़ाई

उदासीनता: चार शिक्षकों के भरोसे कक्षा आठ तक की पढ़ाई कक्षाओं का हो रहा संयुक्त संचालन, पढ़ाई में होती है व्यवधान फोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : मध्य विद्यालय महेशपुर प्रतिनिधि, मुंगेरभविष्य को संवारने में शिक्षा का योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है. किंतु जब शिक्षा का स्तर ही खोखली पड़ जाय तो फिर बेहतर भविष्य […]

उदासीनता: चार शिक्षकों के भरोसे कक्षा आठ तक की पढ़ाई कक्षाओं का हो रहा संयुक्त संचालन, पढ़ाई में होती है व्यवधान फोटो संख्या : 5फोटो कैप्सन : मध्य विद्यालय महेशपुर प्रतिनिधि, मुंगेरभविष्य को संवारने में शिक्षा का योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है. किंतु जब शिक्षा का स्तर ही खोखली पड़ जाय तो फिर बेहतर भविष्य की कल्पना करना ही बेकार है. जिले में प्रारंभिक शिक्षा का हाल भी कुछ ऐसा ही है. ऐसे बदहाल शिक्षा व्यवस्था की झलक मध्य विद्यालय महेशपुर में भी देखा जा सकता है. जहां नौनिहालों को पढ़ाने के लिए कक्षाओं के अनुकूल शिक्षक तक की व्यवस्था भी नहीं है. ऐसी स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करनी भी बेईमानी होगी.शिक्षक 4, कक्षा 8मध्य विद्यालय महेशपुर में वर्तमान समय में कुल नामांकित छात्र- छात्राओं की संख्या 179 है. जबकि किसी समय यहां 300 से भी अधिक छात्र- छात्राएं नामांकित रहते थे. किंतु शिक्षकों के अभाव में अधिकांश अभिभावक अपने बच्चे का नामांकन इस विद्यालय में करवाने से कतराने लगे हैं. नतीजतन विद्यालय में बच्चे की संख्या काफी कम हो गयी है. फिलहाल यहां आठ कक्षाओं के लिए मात्र चार शिक्षक पदस्थापित हैं. जिसके कारण दो- दो कक्षाओं को एक साथ संचालित किया जा रहा है. वहीं यदि प्रभारी को किसी बैठक या कार्यालय के काम से बाहर जाना पड़ गया तो फिर और भी परेशानी होती है.विद्यालय भवन हो चुका है जर्जरविद्यालय का भवन काफी पुराना होने के कारण अत्यंत ही जर्जर हो गया है. कक्षाओं में जहां कई जगहों पर से प्लास्टर टूट- टूट कर गिर रहे हैं, वहीं जमीन का फर्श भी जीर्ण- शीर्ण हो गयी है. इतना ही नहीं शौचालय की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने के कारण बच्चों को शौच के लिए खेत में जाना पड़ता है.कहते हैं प्रभारीप्रभारी प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी ने बताया कि यहां पहले से ही शिक्षकों का अभाव था. वहीं हाल ही में दो-दो शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये हैं. जिसके कारण शिक्षकों का अभाव हो गया है.

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