मुंगेर : ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के आह्वान पर बुधवार को दवा विक्रेताओं के राष्ट्रव्यापी बंदी का मुंगेर जिले में भी व्यापक असर रहा. सदर अस्पताल के समीप के दवा दुकानों को छोड़ जिले के लगभग 150 थोक एवं 800 खुदरा दवा दुकानें बंद रही. जिससे आम लोग परेशान रहे.
ऑर्गेनाइजेशन ने ऑनलाइन फॉर्मेसी का विरोध करते हुए राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था. केमिस्ट संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन दवा बिक्री से युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ेगी.
साथ ही रोगियों के स्वास्थ्य व दवा की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ेगा. केमिस्ट संघ का यह भी कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इससे जीवन रक्षक दवाओं का अभाव पैदा होगा. संगठन के आह्वान पर मुंगेर जिले के सभी दवा दुकानें पूरी तरह बंद रही. मुंगेर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव अभिषेक कुमार बॉबी ने कहा कि जिले में दवा दुकानों की बंदी पूरी तरह सफल रही है.
धरहरा प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड स्थित सभी दवा दुकानें हड़ताल के कारण बंद रही. जबकि पीएचसी के नजदीक की दुकानें इमरजेंसी सेवा के तहत खोल कर रखा गया था. सुबह से शाम तक दूरदराज के गांव से पहुंचे मरीजों को दवा दुकान बंद रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
निजी क्लनिक में इलाज के बाद लोगों को दवा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा. मानगढ़ निवासी विशाल कुमार ने बताया कि उसकी मां बीमार है जिसके लिए दवा लेना जरूरी है. लेकिन आज दवा नहीं मिली. धरहरा में चोरी-छिपे दवा की बिक्री होती रही. बाहर से दवा दुकान बंद है. जबकि अंदर से दवा दिया जा रहा था.
जहां खरीदारों की भीड़ लगी रही.हवेली खड़गपुर प्रतिनिधि के अनुसार ऑन लाइन बिलिंग के दबाव के विरोध में अनुमंडल की सभी दवा दुकानें बंद रही. नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों की भी दवा दुकानें बंद रही.
जिससे रोगियों एवं उनके परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. यहां इमरजेंसी सेवा के तहत भी एक भी दवा दुकान नहीं खुला हुआ था. दवा व्यवसायी सूरज भारती, आलोक आनंद, पंकज भगत ने बताया कि दुकानदार इस कार्य का विरोध करती रहेगी.