बरियारपुर : विधानसभा चुनाव से निवृत्त होकर अब प्रखंड के किसान परवल की खेती में जुट गये हैं. बंगाल से परवल का लत ( लत्तर) मंगाया गया है और दियारा क्षेत्र में इसके बुआई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.
परवल की खेती में प्रति एकड़ लगभग 25 हजार की लागत आती है. मुंगेर के दियारा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परवल की खेती की जाती रही है.
न सिर्फ मुंगेर व आसपास बल्कि यहां के परवल को मुंबई व दिल्ली भी भेजा जाता है. इस बार चूंकि दियारा क्षेत्र में बाढ़ का कहर नहीं रहा इसलिए किसान अब परवल के लत बुआई में जुट गये हैं. परवल की खेती क्षेत्रों के किसानों के लिए अच्छी आय का साधन है. लत्तर लगाने के लिए मजदूरों द्वारा दियारा के बलुआही मिट्टी में गड्ढ़ा का कार्य किया जा रहा है.
जिसमें लत्तर लगाया जायेगा. दियारा के किसान हरदेव मंडल, सुरेश यादव, महेंद्र यादव ने बताया कि दो से ढ़ाई महीने बाद परवल के लत्तर से सब्जी उपजने लगती है. उन्होंने बताया कि इसकी खेती खर्चीला भी है. क्योंकि लत्तर बंगाल से मंगाया जाता है और फिर खाद, पानी एवं मजदूरी में भी अच्छी राशि खर्च होती है.
इन किसानों का कहना है कि सरकारी स्तर पर परवल की खेती के लिए किसानों को कोई सहायता मुहैया नहीं करायी जाती. किसान या तो खुद या फिर महाजनों से कर्ज लेकर इसकी खेती करते हैं. इन लोगों ने बताया कि मुंगेर सदर प्रखंड के कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर, तौफिर एवं बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार, झौवाबहियार, बिंदादियारा के दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ भूमि में परवल की खेती की जाती है.