प्रतिनिधि : मुंगेर त्याग व बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार शुक्रवार को हर्षोल्लास व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया.
इस मौके पर आरडी एंड डीजे कॉलेज स्थित ईदगाह में मुसलिम भाईयों ने ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की. जहां खानकाह रहमानी के सज्जादानशी हजरत मौलाना वली रहमानी ने कुरबानी के महत्व पर प्रकाश डाला.
कुरबानी का त्योहार बकरीद को लेकर मुसलमान भाइयों में उत्साह था. लोग सुबह सबेरे ईदगाह एवं विभिन्न मस्जिदों में नये वस्त्र पहने इकट्ठा हुए और बकरीद की नमाज अदा कर अल्लाह ताला की इबादत की.
डीजे कॉलेज ईदगाह में सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोगों ने नमाज अदा की और एक दूसरे के गले मिल कर मुबारकवाद दी.
मौके पर हजरत वली रहमानी ने कहा कि कुरबानी का त्योहार हजरत इब्राहिम व उनके पुत्र द्वारा अल्लाह को दी गयी परीक्षा की याद में मनायी जाती है. ईद-उल-अजहा मुसलमानों की परीक्षा का त्योहार है. उन्होंने कहा कि कुर्बानी सिर्फ बकरे के जबह करने का नाम नहीं है.
बल्कि कुर्बानी अपने -अपने जज्बे की होनी चाहिए. कुर्बानी अपने हिप्स (ईष्या) की होनी चाहिए, कुर्बानी अपनी गलत मंशे, गलत कार्य, गलत आदतों की होनी चाहिए. इंसान को चाहिए कि हर वक्त अल्लाह ताला की ताकत को याद करते रहे.
उन्होंने अपील किया कि त्याग और सर्मपण का त्योहार, भाईचारे का त्योहार हम सभी हर्षोल्लासपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनायें.
विभिन्न मस्जिदों में अदा की गयी नमाज : ईदगाह के अलावे शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित मस्जिद एवं अन्य स्थानों पर मुसलिम समुदाय के लोगों ने नमाज अदा की. शहर के जामा मस्जिद , शाह फेमली मस्जिद, किला स्थित मस्जिद, दलहट्टा मस्जिद, दिलावरपुर, मुबारचक, नीलम चौक, बरदह, सुजाबलपुर सहित विभिन्न मस्जिदों में इद-उल-अजहा की नमाज अदा की गयी. इस दौरान मसजिदों में भारी भीड़ उमड पड़ी.