संगोष्ठी का आयोजन प्रतिनिधि , मुंगेर गंगोत्री के तत्वावधान में रमजान के मौके पर बेलन बाजार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसका विषय ” इस्लाम की जान है रमजान ” था. संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्वान आध्यात्मिक चिंतक डॉ शिव चंद्र प्रताप ने की. उन्होंने कहा कि रमजान का महीना खास तौर पर रोजे के लिए मुकर्रर किया गया है. क्योंकि यह निहायत मुकद्दस महीना है. इसमें कुरान का उतरना शुरू हुआ था. कुरान के उतरने के मकसद और रोजे में बड़ी समानता पाई जाती है. रोजा कुरान का मकसद पूरा करने में मददगार साबित होता है. रोजे का मकसद रोजे के समय तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसका ताल्लुक पूरी जिंदगी से है. रोजा बंदे को खुदा की तरफ मोड़ता है, जो उसका असली मकसद है. रोजा का मकसद है ख्वाहिशों को काबू में रखना और अल्लाह से डरना. उन्होंने कहा कि रमजान अगर इस्लाम की जान है तो रोजे का महीने भर का सिलसिला रमजान की जान और तकवा है रोजे की जान. जाहिर है कि रोजे को समझने के लिए तकवा को समझना जरूरी है और दोनों को समझने बिना रमजान की हकीकत को समझा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि आयत कहती है कि रमजान रोजों का वह पाक महीना है. जिसमें अल्लाह की तरफ से पहले पहल वह कुरआन उतारा गया था, जो लोगों को राह दिखाने वाला है. रोजा द्वारा आदमी में तकवा यानी अल्लाह का डर और परहेजगारी के गुण पैदा हो जाते है. मौके पर डॉ केके बाजपेयी, प्रो. कुंदन कुमार, खुरशीद आलम, साहब उद्दीन, शिवनंदन सलिल, विजेता मुदगलपुरी सहित, गुरुदयाल त्रिविक्रम सहित अन्य मौजूद थे.
BREAKING NEWS
इस्लाम की जान है रमजान : डा: शिवचंद्र
संगोष्ठी का आयोजन प्रतिनिधि , मुंगेर गंगोत्री के तत्वावधान में रमजान के मौके पर बेलन बाजार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसका विषय ” इस्लाम की जान है रमजान ” था. संगोष्ठी की अध्यक्षता विद्वान आध्यात्मिक चिंतक डॉ शिव चंद्र प्रताप ने की. उन्होंने कहा कि रमजान का महीना खास तौर पर रोजे […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement