मुंगेर : अमरेंद्र के जेब से मिली एक छोटी-सी परची उनकी मौत का राज खोल सकती है. परची के ऊपर पापा और नीचे मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. पूर्व सांसद के मुताबिक परची पर मिले नंबर को पढ़ कर पुलिस ने फोन किया था.
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अमरेंद्र की मौत का राज खोलेगी जेब से मिली परची
मुंगेर : अमरेंद्र के जेब से मिली एक छोटी-सी परची उनकी मौत का राज खोल सकती है. परची के ऊपर पापा और नीचे मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. पूर्व सांसद के मुताबिक परची पर मिले नंबर को पढ़ कर पुलिस ने फोन किया था. अब अगर पुलिस परची के हैंड राइटिंग की जांच एक्सपर्ट से […]
अब अगर पुलिस परची के हैंड राइटिंग की जांच एक्सपर्ट से कराये, तो पता चल सकता है कि अमरेंद्र ने खुद परची लिखी थी या फिर किसी ने घटना को अंजाम देने के बाद परची को उनकी जेब में डाल दिया था. सवाल यह है कि जब अमरेंद्र के पास मोबाइल था, उन्हें अपने पापा का नंबर भी याद था, तो फिर मोबाइल नंबर लिखने की क्या जरूरत थी. संभावना यह है कि उनकी हत्या की गयी और आत्महत्या साबित करने के लिए प्लानिंग के तहत परची उनकी जेब में डाल दी गयी है.
मुंगेर के पूर्व सांसद धनराज सिंह को बुधवार की सुबह फोन आया था. फुलवारी जीआरपी ने उनसे पूछा था कि आपका बेटा कहां है. उन्होंने जवाब दिया कि रात से घर नहीं आया. पुलिस समझ चुकी थी आउटर सिगनल के पास रेलवे टै्रक पर मिली लाश उनके बेटे की है. पूर्व सांसद आधे घंटे में फु लवारी पहुंचे और शव की शिनाख्त की. घटना स्थल पर अमरेंद्र का मोबाइल फोन, चश्मा और घड़ी नहीं मिला. जीआरपी मामले की पड़ताल कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
घटना स्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस यह मान रही है कि जो भी हुआ टै्रक पर हुआ है. पुलिस के मुताबिक ट्रैक के आस पास मिले खून के छींटे आत्महत्या की तरफ इशारा करते हैं. लेकिन सवाल यह है कि आत्महत्या के लिए अगर वह ट्रेन के आगे कूदे तो लाश क्षत-विक्षत क्यों नहीं हुई. चोट की बात करें तो उनके एक पैर का पंजा कटा हुआ था और बायें हाथ की हड्डी टूटी हुई थी. चेहरे पर गंभीर चोट थे. एक आंख गायब थी. जानकारों की माने तो ट्रेन के आगे कूदने पर इस तरह की चोट नहीं लग सकती.
ट्रेन दुर्घटना के शिकार हुए तो उनके जेब से मोबाइल नंबर लिखी हुई परची क्यों मिली. पूर्व सांसद ने बताया कि उनके बेटे को उनका मोबाइल नंबर याद था, वह परची क्यों लिखेगा. अगर उन्होंने ही लिखा तो सिर्फ मोबाइल नंबर ही क्यों, सुसाइट नोट क्यों नहीं. सवाल यह है कि जब उन्होंने परची नहीं लिखी तो परची किसने लिखी. क्या कोई उनकी हत्या करके उनकी जेब में परची डाल दिया है. क्या है पुलिस को गुमराह करने की कोशिश है. हालांकि पुलिस परची मिलने की बात को पुष्ट नहीं कर रही है. सूत्रों की माने तो हैंड राइटिंग की जांच गुप्त रुप से करायी जा रही है.
* क्या कहते हैं सांसद
घटना के बाद अमरेंद्र की मां और पिता सदमे में हैं. उनके रिश्तेदार लगातार आ रहे हैं. शुक्रवार को अपने आवास पर रिश्तेदारों के बीच बैठे पूर्व सांसद ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा यह क्या हुआ. रेल एसपी से बात हुई है, उन्होंने सच्चाइ उजागर करने का आश्वासन दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेब से परची मिली थी लेकिन अभी तक उसके हैंड राइटिंग की पहचान हम लोगों से नहीं करायी गयी है. बातचीत में उन्होंने आत्महत्या की बात को लगभग खारिज किया है. हां, घटना की कड़ी जमशेदपुर से जुड़े होने पर उन्होंने संभावना जाहिर की है.
* क्या कहते हैं रेल एसपी
रेल एसपी पीएन मिश्रा ने कहा कि घटना स्थल पर चरचा थी कि उनके जेब से एक परची मिली है. लेकिन परची हमारे पास नहीं पहुंची है. स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने उनकी शिनाख्त की थी, जिसके आधार पर पूर्व सांसद से संपर्क किया गया था. प्रकरण की जांच की जा रही है.
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