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आठ वर्षीय बालक की हत्या कर शव को झाड़ी में फेंका, दो दिनों से लापता था रवीश
बताया जाता है कि अग्रहण और बढ़ौना पंचायत की सीमा पर स्थित गौरा गांव निवासी बबलू चौधरी का 8 वर्षीय नाती रवीश कुमार पिछले दो दिनों से लापता था. परिजनों द्वारा काफी खोजबीन की गयी. लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. मंगलवार की सुबह अग्रहण पंचायत के मंझगांयडीह के समीप बरगद के विशाल पेड़ […]
बताया जाता है कि अग्रहण और बढ़ौना पंचायत की सीमा पर स्थित गौरा गांव निवासी बबलू चौधरी का 8 वर्षीय नाती रवीश कुमार पिछले दो दिनों से लापता था. परिजनों द्वारा काफी खोजबीन की गयी. लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. मंगलवार की सुबह अग्रहण पंचायत के मंझगांयडीह के समीप बरगद के विशाल पेड़ के समीप की झाड़ी में बालक रवीश का शव नग्नावस्था में ग्रामीणों ने देखा. सूचना मिलते ही मृतक के परिजन वहां पहुंचे और रोना-धोना, चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया.
घटना की सूचना मिलते ही शामपुर पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया. मृतक मूल रूप से असरगंज का रहने वाला है और उसके पिता का नाम रूदल चौधरी है. लेकिन वह ननिहाल में ही रहता था. उसकी नानी बढ़ौना पंचायत के वार्ड संख्या 15 की वार्ड सदस्य है. हत्या के बाद परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं गांव में बालक की मौत से माहौल गमगीन है. साथ ही ग्रामीणों में हत्यारों के प्रति आक्रोश व्याप्त है.
मृतक के परिजनों से डीएसपी ने की पूछताछ: घटना की सूचना मिलते ही शामपुर ओपी पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. इधर डीएसपी पोलस्त कुमार और इंस्पेक्टर नईमुद्दीन ने घटनास्थल पर पहुंच कर मुआयना किया. मृतक के परिजनों से पूछताछ की. हत्या से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी हासिल की.
कहते हैं डीएसपी : डीएसपी पोलस्त कुमार ने बताया कि हत्या का मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. हत्यारों की शिनाख्त की जा रही है. जिसकी गिरफ्तारी शीघ्र होगी. भागलपुर से फोरेंसिक टीम पहुंच कर हत्या से जुड़े हर सूक्ष्म पहलू की जांच कर रही है.
खगड़िया निवासी के हत्यारोपित को मिली आजीवन कारावास की सजा
मुंगेर. मुंगेर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अनिल कुमार मिश्रा ने हत्या के एक मामले में मंगलवार को एक आरोपित राजेश यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वह मुंगेर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टीकारामपुर का रहने वाला है. इस मामले में कांड के तीन अन्य आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सरोज कुमार ने बहस में भाग लिया.
सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश ने अभियोजन एवं बचाव पक्ष के दलील एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर राजेश यादव को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही छह हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी गयी. घटना के संबंध में बताया कि 18 अगस्त 2005 को पशु चराने को लेकर खगड़िया जिले के चुकती गांव निवासी नंदलाल यादव एवं मुंगेर जिला के राजेश यादव एवं अन्य का विवाद हो गया था.
राजेश यादव ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उस समय नंदलाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह अपने चचेरा भाई कुंदन के साथ खेत पर था. नंदलाल खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र के चूकती गांव का रहने वाला था. नंदलाल के चचेरे भाई कुंदन यादव के बयान पर मुंगेर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने 14 वर्ष बाद सजा सुनायी.
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