मुंगेर : गांव के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इस सपने को साकार करने के लिए सरकार ने भी गांवों के विकास पर बल देते हुए पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजनाओं की गंगा बहा दी. लेकिन योजनाओं पर खर्च होने वाली राशि में पंचायती राज व्यवस्था के मुखिया एवं सरकारी मशीनरी सेंघमारी करने में लग गये.
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गबन के आरोपित मुखिया व पंचायत सेवक की गिरफ्तारी में पुलिस नहीं ले रही दिलचस्पी
मुंगेर : गांव के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इस सपने को साकार करने के लिए सरकार ने भी गांवों के विकास पर बल देते हुए पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजनाओं की गंगा बहा दी. लेकिन योजनाओं पर खर्च होने वाली राशि में […]
मामला सामने आने पर मुंगेर जिले के कई मुखिया पर हाल के दिनों में थानों में प्राथमिकी तक दर्ज की गयी है. लेकिन मुंगेर पुलिस मुखिया जी की गिरफ्तारी करने में हांफ रही है अथवा गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही. जिसके कारण लाखों रुपये गबन के आरोपित मुखिया आज भी खुलेआम घूम रहे हैं.
मुंगेर जिले में पंचायती राज व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गयी है. नियम और प्रावधानों के विरुद्ध पंचायत प्रतिनिधि से लेकर बीडीओ व पंचायत सचिव योजनाओं में लूट मचाये हुए है. जिस मुखिया के पास मुखिया बनने से पहले साइकिल तक नहीं था.
आज उस मुखिया के पास चार चक्का वाहन हैं. कई मामलों में जब स्थित बदतर हो गयी और प्रखंड स्तर के अधिकारी जांच के घेरे में आने लगे तो आनन-फानन में मुखिया एवं पंचायत सेवकों तथा दलालों पर प्राथमिकी दर्ज की. लेकिन कार्रवाई सिर्फ प्राथमिकी तक ही सिमट कर रह गयी है. क्योंकि न तो जिला से मुखिया को पदच्युत करने की कार्रवाई हो रही है और न ही संबंधित थाना पुलिस मुखिया को गिरफ्तार करने में दिलचस्पी ले रहे हैं.
कहा जा रहा है कि पंचायत की योजनाओं में भ्रष्टाचार के माध्यम से जमा की गयी अकूत संपत्ति के बल पर मुखिया ने अपनी गिरफ्तारी रोक कर रखी है. तभी तो आज भी आरोपित मुखिया जिले में बेखौफ होकर घूम रहा है. जो पुलिस और जिला प्रशासन के कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक : पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला ने कहा कि आरोपित मुखिया की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए संबंधित थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है. छापेमारी भी की जा रही है.
ऐसे में तो उठ जायेगा पुलिस प्रशासन से भरोसा
केस स्टडी-1
जमालपुर प्रखंड की पड़हम पंचायत के मुखिया तनिक पंडित पर न्यायालय के आदेश पर नयारामनगर थाना में वार्ड सदस्य माया देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जिसका नयारामनगर थाना कांड संख्या 187/19 है. वार्ड सदस्य ने मुखिया पर कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी मुखिया बेखौफ होकर घूम रहा है. इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन की ओर से बनायी गयी कई ग्रुप में भी मुखिया सक्रिय है. तो पुलिस आरोपित मुखिया को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है. कहीं सबकुछ माइनेज तो नहीं है.
केस स्टडी-2
टेटियाबंबर प्रखंड के धौरी मुखिया पवन परेश पर मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की 2 लाख 50 हजार रुपये गबन मामले में संग्रामपुर (टेटियाबंबर) थाना में कांड संख्या 106/19 दर्ज है. यह प्राथमिकी प्रखंड के बीडीओ दृष्टि पाठक के आवेदन पर दर्ज किया गया है. लेकिन आज तक मुखिया की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. हद तो यह है कि टेटियाबंबर थानाध्यक्ष को मुखिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी तक की जानकारी नहीं है. जो एक बड़ा सवाल पुलिस प्रशासन के लिए है.
केस स्टडी -3
धरहरा प्रखंड के इटवा पंचायत की मुखिया नजरी देवी एवं पंचायत सचिव रविश कुमार के खिलाफ सरकारी राशि गबन मामले में बीडीओ प्रभात रंजन के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जिसका कांड संख्या 190/19 है. जो 18 अगस्त 2019 को दर्ज करायी गयी. लेकिन आज तक मुखिया एवं पंचायत सचिव की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
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