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बूढ़ी मां से अपनों ने मोड़ा मुंह, फुटपाथ पर गुजारनी पड़ी तीन रातें और फिर…

मुंगेर : जिसके तीन पुत्र व एक पुत्री हो, वैसी मां ने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि बुढ़ापे में उसे बेसहारा रहना होगा. उसने यह कभी नहीं सोचा होगा कि जिसे उन्होंने नौ महीने तक अपनी कोख में पाला और फिर जन्म देकर उसे पाल-पोस पर काबिल बना दिया, वह बेटा […]

मुंगेर : जिसके तीन पुत्र व एक पुत्री हो, वैसी मां ने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि बुढ़ापे में उसे बेसहारा रहना होगा. उसने यह कभी नहीं सोचा होगा कि जिसे उन्होंने नौ महीने तक अपनी कोख में पाला और फिर जन्म देकर उसे पाल-पोस पर काबिल बना दिया, वह बेटा उसे इस ठंड के मौसम में भटकने के लिए फुटपाथ पर यूं ही छोड़ कर अपना मुंह मोड़ लेगा. मुंगेर के टैक्सी स्टैंड में ऐसा ही एक शर्मनाक मामला देखने को मिला. जहां 80 साल की एक वृद्ध महिला को उसके अपनों ने ही भटकने के लिए छोड़ दिया. चलने-फिरने व बोल पाने से लाचार रहने के कारण तीन दिन और तीन रात उस महिला ने फुटपाथ पर ही बिता दिया. जबकि, एक गैर ने उस महिला को ठंड में ठिठुरते देख उसे न सिर्फ इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया, बल्कि उसकी केयर टेकर भी बनी.

अपनी जान छुड़ाने के लिए मां को फुटपाथ पर छोड़ा
सूर्यगढ़ा निवासी स्व. राम किशुन शर्मा के देहांत के बाद उसके तीनों पुत्र ने अपनी जमीन बेच कर अलग-अलग रहना शुरू कर दिया. जिसमें बड़ा पुत्र ओम प्रकाश शर्मा अपनी पत्नी व बच्चे के साथ मुंगेर शहर के माधोपुर में रहने लगा. मंझला पुत्र जयप्रकाश शर्मा भी अपनी पत्नी व बच्चे के साथ अभयपुर के पीड़ी बाजार में रहने लगा. वहीं छोटा पुत्र दिल्ली में रहने लगा. जबकि, एक मात्र पुत्र का विवाह माधोपुर में ही कर दिया गया. राम किशुन की पत्नी जिलेबी देवी अकेली पड़ गयी. वह कभी बड़े बेटे के पास पहुंच जाती, तो कभी मंझले के पास. कोई भी पुत्र मां को अपने पास तक अधिक दिन नहीं रखता था. इसी क्रम में 14 दिसंबर को अभयपुर पीरीबाजार में रह रहे मंझले पुत्र ने उसे मुंगेर टैक्सी स्टैंड के पास बिठा दिया और बोला कि मैं गंगा स्नान करके आता हूं, किंतु बूढ़ी मां अपने बेटे का इंतजार करती रही और उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आया.

वृद्धा ने ठिठुर कर गुजारी तीन रातें, सिस्टम भी सोयी रही
टैक्सी स्टैंड में सड़क किनारे फुटपाथ पर बैठ कर वृद्ध महिला ने इस ठंड के मौसम में तीन रातें गुजारी. न तो उसके पास खाने के लिए कुछ था और न ही उसके पास एक भी रुपया ही था. इतना ही नहीं महिला बीमार होने के साथ-साथ चलने-फिरने से भी लाचार थी. कमजोरी के कारण वह कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. वहां के आस-पास के दुकानदारों में से किसी का भी जमीर नहीं जागा, साथ ही उस रास्ते से कई बार पुलिस गश्ती वाहन तथा टाइगर मोबाइल के गुजरने के बावजूद किसी ने उस वृद्ध महिला को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई. रविवार को जमालपुर अमोला कॉलोनी निवासी डॉ मनीष मिश्रा तथा उसकी पत्नी किरण मिश्रा उसी स्थान पर एक होटल में भोजन करने के लिए पहुंचे. उस दंपती की नजर जब उस ठिठुरती वृद्ध महिला पर पड़ी तो उन्होंने दुकानदार से उसके बारे में पूछा. जिसके बाद दुकानदार ने उन्हें बताया कि यह महिला पिछले तीन दिनों से एक ही जगह पर पड़ी हुई है. उसके साथ एक युवक था, किंतु उसे बिठा कर युवक कहीं चला गया और फिर वापस लौट कर नहीं आया.

अपने ने मोड़ा मुंह, गैर ने दिखायी दरियादिली
एक ओर जहां वृद्ध महिला के अपनों ने उससे मुंह मोड़ लिया, वहीं गैर ने वृद्धा की हालत देख दरियादिली दिखायी. डॉ मनीष मिश्रा तथा उसकी पत्नी ने सबसे पहले इस मामले की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने उससे कई तरह के सवाल पूछ कर अपना पल्ला झाड़ लिया. अंत में जब डॉ मनीष ने एसडीओ से संपर्क किया तो उन्होंने सिविल सर्जन को फोन कर मौके पर एक एंबुलेंस भिजवाया. जिसके बाद वृद्ध महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. किंतु अस्पताल में जब दंपती ने डीएस को यह बताया कि महिला अज्ञात है और उसके साथ एस स्टाफ नर्स को ड्यूटी पर लगाया जाये. ताकि महिला का बेहतर ख्याल रखा जा सके. इस पर डीएस ने कहा कि यह तो पुलिस केस का मामला है, उसके लिए अलग से स्टाफ नर्स की व्यवस्था नहीं की जा सकती है. उन्होंने दंपती को ही नसीहत दे दिया कि अपना को ज्यादा फिक्र है तो आप खुद उसका देखभाल कीजिए. जिसके बाद शनिवार की रात से सोमवार की शाम तक दंपती उस वृद्ध महिला का देख-रेख करते रहे.

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