बिहार विधानसभा की प्राक्कलन उपसमिति ने पकड़ी गड़बड़ी, निगमकर्मियों में हड़कंप
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डेढ़ दिन में हुई निविदा, नगर विकास विभाग ने मांगी रिपोर्ट
बिहार विधानसभा की प्राक्कलन उपसमिति ने पकड़ी गड़बड़ी, निगमकर्मियों में हड़कंप वर्ष 2014 का है मामला, तत्कालीन नगर आयुक्त एसएन झा पर उठाये जा रहे सवाल मुंगेर : नगर निगम मुंगेर में एक बार फिर बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है. वैसे यह मामला वर्ष 2014 का है. जिसमें समेकित आवास एवं मलिन बस्ती […]
वर्ष 2014 का है मामला, तत्कालीन नगर आयुक्त एसएन झा पर उठाये जा रहे सवाल
मुंगेर : नगर निगम मुंगेर में एक बार फिर बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है. वैसे यह मामला वर्ष 2014 का है. जिसमें समेकित आवास एवं मलिन बस्ती योजना के विकास के लिए पीएमयू गठन में अनियमितता बरती गयी थी. पीएमयू गठन के लिए जो निविदा प्रकाशित की गयी थी उसके चयन में घोर गड़बड़ी की गयी और महज डेढ़ दिन के अंदर निविदा का निष्पादन कर दिया गया था. जिसमें नियम विरुद्ध अपने चहेते एजेंसी को चयनित कर अनुचित लाभ प्राप्त किया गया था. इस मामले को बिहार विधानसभा प्राक्कलन समिति की उपसमिति ने पकड़ा है और अब इसकी जांच की जा रही. जिससे निगमकर्मियों में हड़कंप मच गया है.
विस प्राक्कलन समिति ने पकड़ा मामला
वर्ष 2014 में मुंगेर नगर निगम में समेकित आवास एवं मलिन बस्ती (आइएचएसडीपी) के विकास के लिए पीएमयू (परियोजना प्रबंधन इकाई) का गठन किया जाना था. जिसके चयन में निगम ने व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती और कानून को ताक पर रखकर डेढ़ दिन में मनमाने तरीके से पीएमयू का गठन कर एजेंसी को कार्य सुपुर्द कर दिया. लेकिन इस मामले को बिहार विधानसभा की प्राक्कलन समिति की उपसमिति ने पकड़ा है और इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है.
बताया जाता है कि 15 फरवरी 2018 को बिहार विधानसभा प्राक्कलन उपसमिति (2) की बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्राक्कलनों का संपरीक्षण किया जा रहा था. जिसमें मुंगेर नगर निगम का मामला सामने आया कि आइएचएसडीपी योजना के तहत एजेंसी के चयन में मात्र डेढ़ दिन का समय देकर टेंडर कर दिया गया. जिसके आलोक में प्राक्कलन उपसमिति ने मुंगेर नगर निगम के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया और कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा है.
नगर विकास एवं आवास विभाग ने निगम से मांगा जवाब : नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव सह निदेशक ने 21 मार्च 2018 को नगर निगम मुंगेर के नगर आयुक्त को पत्र भेज कर अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. पत्रांक 04/वि.स.-19/15/733 जारी कर कहा है कि आइएचएसडीपी योजना अंतर्गत पीएमयू के गठन परामर्शी के चयन के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. इस संबंध में आपके द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि योजना अंतर्गत एजेंसी के चयन के लिए मात्र डेढ़ दिन का समय देकर टेंडर का निष्पादन किया गया है जो सर्वथा अनुचित है. इस संबंध में बिहार विधानसभा के प्राक्कलन समिति में भी इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है.
कहते हैं नगर आयुक्त : नगर आयुक्त श्यामल किशोर पाठक ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग से टेंडर के संदर्भ में पत्र आया है. जिसके आधार पर संबंधित कर्मी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. यह मामला तत्कालीन नगर आयुक्त एसएन झा के कार्यकाल का है.
आवास योजना के लिए हुआ था पीएमयू का गठन
पीएमयू का कार्य था कि जिन भी लाभुकों को इस योजना से आवास का निर्माण करना है उसका जांच कर नगर विकास एवं आवास विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करना. जिसके पर्यवेक्षण के आलोक में लाभुकों को आवास निर्माण के लिए तीन किस्तों में राशि का भुगतान किया जाना था. लेकिन निगम ने आनन-फानन में अल्पकालीन निविदा प्रकाशित कर पीएमयू का गठन कर लिया. अब जबकि बिहार विधानसभा प्राक्कलन समिति की उपसमिति ने मामला पकड़ा और नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से मुंगेर नगर निगम द्वारा की गयी गड़बड़ी के संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है तो निगमकर्मियों की परेशानी बढ़ गयी है.
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