सांस की बीमारी से पीड़ित श्रवण पासवान को आठ दिसंबर को ही किया था भर्ती
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अपनों ने छोड़ा वृद्ध का साथ, अस्पताल में पड़ा है शव
सांस की बीमारी से पीड़ित श्रवण पासवान को आठ दिसंबर को ही किया था भर्ती मंगलवार को हो गयी मौत, बुधवार सुबह चला पता मरीजों के परिजन का दिया गया फोन नंबर मिला स्विच अॉफ मुंगेर : लोग प्राय: पराये लोगों से काफी उम्मीद लगाये रहते हैं. किंतु जब अपने ही साथ छोड़ दें, तो […]
मंगलवार को हो गयी मौत, बुधवार सुबह चला पता
मरीजों के परिजन का दिया गया फोन नंबर मिला स्विच अॉफ
मुंगेर : लोग प्राय: पराये लोगों से काफी उम्मीद लगाये रहते हैं. किंतु जब अपने ही साथ छोड़ दें, तो फिर पराये से उम्मीद करना बेकार है. सदर अस्पताल में बुधवार को ऐसी ही मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आयी़ जहां परिजनों ने वृद्धावस्था में एक मरीज को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती करा कर दिया. उन्हें अकेले छोड़ सभी वापस घर चले गये़ हद तो तब हो गयी, जब वृद्ध की मौत हो गयी और उसके परिजन उसे देखने तक नहीं आये़ बुधवार की शाम तक वृद्ध की लाश अस्पताल के पुरुष सर्जिकल वार्ड में पड़ी हुई थी़ जबकि वृद्ध की मौत मंगलवार की रात में ही हो चुकी थी़
सफियाबाद ओपी क्षेत्र के आदमपुर निवासी वृद्ध श्रवण पासवान को उसके परिजनों ने सदर अस्पताल के पुरुष मेडिकल वार्ड में 8 दिसंबर को भरती कराया़ श्रवण पासवान को सांस की बीमारी थी़ परिजनों ने उसे वार्ड में भरती करवा कर अपनी जान छुड़ा ली. वार्ड इंचार्ज से पूछने पर पता चला कि उसके भतीजा मनोज आनंद ने मरीज के लिए कंबल व चादर रिसीव की थी. बीच-बीच में वह मरीज को देखने भी आता था़ किंतु बुधवार की शाम तक उसे देखने कोई नहीं आया था़ वहीं वार्ड में भरती पुरानीगंज निवासी संतोष कुमार ने बताया कि श्रवण पासवान की मौत शायद रात में ही हो चुकी है़ क्योंकि अहले सुबह से ही उसमें कोई हरकत नहीं दिख रही थी. सुबह में जब एनजीओ कर्मी मरीज को नाश्ता देने पहुंचे, तो श्रवण को भी आवाज दी. किंतु श्रवण ने न तो कोई जबाव ही दिया और न ही जरा भी हिला़ संदेह होने पर एनजीओ कर्मियों द्वारा वार्ड इंचार्ज को इसकी जानकारी दी गयी़ इसके बाद वार्ड इंचार्ज ने इसकी सूचना चिकित्सक को दी. सुबह 8:05 बजे जांचोपरांत पता चला कि श्रवण की मौत हो चुकी है़ श्रवण के बिएसटी में जो फोन नंबर लिखाया गया था, उस पर जब वार्ड इंचार्ज ने रिंग किया तो फोन स्विच-ऑफ पाया गया़ हाल यह था कि शाम तक वार्ड में पड़े शव के बीच ही अन्य मरीजों का इलाज चलता रहा़
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने बताया कि उन्होंने प्रभारी असपताल उपाधीक्षक डॉ रमण कुमार को इस संबध में यथोचित कार्रवाई का आदेश दे दिया है़
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