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नक्सलियों ने रची थी मुंगेर में बड़ी वारदात की साजिश

मुंगेर : पांच नक्सलियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद से माओवादी संगठन लगातार धमकी भरा पर्चाबाजी कर रहा है. बदले की कार्रवाई को आतुर नक्सलियों ने शनिवार को बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी. लेकिन पैसरा मथुरापुर के समीप नक्सली-एसटीएफ मुठभेड़ ने माओवादियों के रणनीति पर पानी फेर दिया और […]

मुंगेर : पांच नक्सलियों को फांसी की सजा सुनाने के बाद से माओवादी संगठन लगातार धमकी भरा पर्चाबाजी कर रहा है. बदले की कार्रवाई को आतुर नक्सलियों ने शनिवार को बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी. लेकिन पैसरा मथुरापुर के समीप नक्सली-एसटीएफ मुठभेड़ ने माओवादियों के रणनीति पर पानी फेर दिया और एक बड़ी वारदात होने से बच गयी.

बड़ी वारदात की थी तैयारी : माओवादी संगठन बदले की कार्रवाई के तहत शनिवार की रात किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी. नक्सलियों के निशाने पर पुलिस गश्ती टीम के साथ ही लड़ैयाटांड ओपी एवं नयारामनगर थाना को टारगेट किया था. इसी कार्रवाई के पूर्व नक्सली संगठन के हथियार बंद दस्ता द्वारा नक्सली क्षेत्र के धरहरा एवं खड़गपुर में नक्सली परचा वितरण किया जा रहा था. जबकि नयारामनगर थाना क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में भी नक्सली संगठन पुरी तैयारी में था.
नक्सलियों का इरादा था कि पुलिस एवं प्रशासनिक भवन, वाहन अथवा रात्री गश्ती में शामिल पुलिस कर्मियों पर बदले की कार्रवाई की जाय. साथ ही शहर से सटे इलाके में कार्रवाई कर प्रशासन को खुली चुनौती देने की तैयारी थी. परचाबाजी का मुख्य उद्देश्य था कि कार्रवाई के बाद लोगों को परचा मिले और नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके. लेकिन पैसरा मथुरापुर में नक्सली-एसटीएफ के बीच हुई गोलीबारी के कारण ऐन मौके पर माओवादियों ने अपना इरादा बदल लिया. क्योंकि नक्सली संगठन को यह शक हो गया कि मुंगेर पुलिस ने कार्रवाई के लिए रणनीति बनायी है.
पुलिस द्वारा लगातार चलाया जा सर्च अभियान : नक्सलियों के जमावड़े की सूचना मुंगेर पुलिस को भी है. जिसके कारण पुलिस पूरी तरह से सतर्क और मुश्तेद है. एसपी आशीष भारती ने बताया कि पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कॉबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जबकि सभी थानों को भी एलर्ट कर दिया गया है. नक्सलियों के हर गतिविधि पर पुलिस की नजर है.
पैसरा मथुरापुर में नक्सली-एसटीएफ मुठभेड़ ने बिगाड़ी रणनीति
जंगली क्षेत्र में जुटा है नक्सलियों का हथियारबंद दस्ता
25 मई 2017 को मुंगेर व्यवहार न्यायालय के एडीजे प्रथम द्वारा पांच नक्सली विपिन मंडल, अधिकलाल पंडित, रत्तू कोड़ा, बानो कोड़ा एवं मन्नू कोड़ को सीआरपीएफ जवानों के हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद माओवादी संगठन के कोर कमिटि ने मुंगेर में बड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया और अपने मारक दस्ता को मुंगेर में तैनात करना प्रारंभ कर दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब नक्सलियों ने 26 जुलाई को पुलिस मुखविरी के आरोप में लड़ैयाटांड थाना के एक युवक दिनेश उर्फ धर्मेंद्र कोड़ा को गोली मार कर हत्या करने के बाद पत्थर से थकूच दिया. जबकि लगातार सजा सुनाने वाले जज एवं नक्सली के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ धमकी भरा परचाबाजी कर अपनी उपस्थिति का एहसास कराया है. सूत्रों की माने तो केंद्रीय कोर कमिटि के निर्णय के अनुसार बड़ी संख्या में हथियारबंद दस्ता नक्सल प्रभावित धरहरा, लखीसराय जिला की सीमा पर लठिया कोरासी एवं हवेली खड़गपुर व शामपुर थाना क्षेत्र में डेरा जमाये हुए है. जो कभी भी बदले की कार्रवाई के तहत बड़ी बारदात को अंजाम दे सकते है.

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