मधुबनी.
नगर निगम क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यो में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. इसमें किसी तरह की लापरवाही या मनमानी होती है तो प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा. योजनाओं में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी निगम के तकनीकी अधिकारियों की है. इसमें समस्या आती है तो उसका समाधान होगा. नगर निगम में निगम अधिकारियों तकनीकी अधिकारियों व संवेदकों के साथ शहर में विकास कार्यों में तेजी लाने के विषय पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मेयर अरुण राय ने यह बात कही. शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और इस पर निगरानी रखी जाएगी. यदि किसी संवेदक ने निर्धारित कार्य पूरा नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मौके पर कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह ने तकनीकी प्रावधान की जानकारी सभी संवेदकों को दिया.नगर आयुक्त ने दी चेतावनी
नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने भी संवेदकों को नोटिस देकर एग्रीमेंट न करने पर सुरक्षित निधि जब्त करने की चेतावनी दी और कहा कि दो बार नोटिस दिया गया है. इसके बाद भी दो दर्जन संवेदकों के द्वारा एग्रीमेंट नहीं किया गया है. इस स्थिति में उनकी सुरक्षित राशि जब्त कर ली जायेगी. साथ ही अन्य बोली कर्ता को कार्य आवंटित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है और यदि किसी भी संवेदक ने निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. निर्देश दिया कि अगर निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की गुणवत्ता से संबंधित कोई कमी पाई जाती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाए.
निर्माण की मॉनिटरिंग का निर्देश
नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने बैठक में यह बताया कि शहर में काफी संख्या में काम हुए हैं और कई कार्य किये जा रहे हैं. जिसमें लगातार शिकायतें मिल रही है. उन्होंने कहा कि इन शिकायतों को दूर करने के लिए कनीय अभियंता व सहायक अभियंता फील्ड में जाएं. स्थल पर जाकर मुआयना करें और प्राक्कलन बनायें. इसके बाद निर्माण के दौरान उसकी नियमित मॉनिटरिंग करें. क्योंकि बिना आउटलेट का नाला बना दिया जा रहा है. वहीं नाला व पुलिया की उंचाई सड़क से कई फुट उपर कर दिया जाता है. ऐसा होने पर राशि की कटौती होगी और भुगतान पर रोक लगा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि जहां पूर्व में नाला और पुलिया सड़क से काफी ऊंचे हो गए हैं जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है वहां पर जलनिकासी के लिए नाला में होल बनाएं. जलनिकासी हर हाल में सुनिश्चित करेंटीएस होने में विलंब होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी. यह बात सामने आयी कि 25 लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति नगर विकास प्रमंडल मधुबनी के कार्यपालक अभियंता के द्वारा दिया जाता है. वहीं इससे अधिक की योजनाओं की स्वीकृति अधीक्षण अभियंता के स्तर से दिया जाता है अभी सम्राट अशोक भवन, नल जल, बड़ी सड़क जैसी महत्वपूर्ण योजना की स्वीकृति अधीक्षण अभियंता के स्तर से पांच माह से अधिक समय से लंबित है. इसको लेकर कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वे इसके लिए शीघ्र पहल करेंगे.
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