मधुबनी . जिले के विभिन्न कार्यालयों, अनुमंडलों, प्रखंडों व अंचल कार्यालयों में कोर्ट से संबंधित सीडब्लूजेसी, एमजेसी एवं एलपीए के 332 मामले लंबित हैं. डीएम ने लंबित मामलों में निर्धारित समय पर न्यायालय में प्रति शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. समय पर प्रति शपथ पत्र दायर नहीं करने के कारण यदि डीएम को न्यायालय में स्वयं उपस्थित होना पड़ेगा. जिला विधिक शाखा द्वारा प्रस्तुत जिला, अनुमंडल, प्रखंड एवं अंचल स्तर पर एमजेसी, सीडब्लूजेसी व एलपीए वादों के निष्पादन एवं लंबित मामलों के विवरणी के अनुसार अंचल स्तर पर सीडब्लूजेसी के 102 मामले लंबित हैं. वही अनुमंडल स्तर पर सीडब्लूजेसी के 11 मामले, प्रखंड स्तर पर सीडब्लूजेसी के 30 मामले, जिला स्तर पर सीडब्लूजेसी के 160 मामले, प्रखंड, अंचल, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर एमजेसी के 20 मामले लंबित हैं. प्रखंड, अंचल, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर एलपीए के नौ मामले मिलाकर 332 मामले लंबित हैं. एमजेसी के दो मामले जिला शिक्षा पदाधिकारी, 12 मामले डीपीओ स्थापना, तीन मामले जिला भू अर्जन पदाधिकारी, दो मामले जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस, एक मामले अंचल अधिकारी रहिका के स्तर पर लंबित है. डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा है कि जिला शिक्षा कार्यालय के स्तर पर 14 मामले प्रति शपथ पत्र दायर करने के लिए लंबित है. जो अत्यंत ही खेदजनक है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को डीएम ने निर्देश दिया है कि सभी मामलों में अविलंब नियमानुसार कारण पृक्षा करते हुए ओथ संख्या के साथ प्रतिवेदन जिला विधि शाखा को भेजना सुनिश्चित करें. डीएम ने कहा है कि जिला स्तर पर सिडब्लूजेसी के 9 मामले, जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर 23 मामले, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शिक्षा विभाग के स्तर र 11 मामले, जिला भू अर्जन पदाधिकारी के स्तर पर 9 मामले कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस के स्तर पर तीन मामले, जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता पश्चिमी कोसी नहर प्रमंडल झंझारपुर के स्तर पर तीन मामले प्रति शपथ पत्र दायर किया जाना लंबित है. इसके अतिरिक्त जिला के कई कार्यालय में भी सिडब्लूजेसी के एक दो मामले लंबित हैं. डीएम ने प्रभारी पदाधिकारी जिला विधि शाखा को निर्देश दिया कि सभी पदाधिकारी को लंबित वादों की सूची शेयर कर दें. ताकि जिला विधि शाखा के द्वारा शेयर किए गए लंबित वादों की संख्या में किसी प्रकार की भिन्नता हो तो प्रभारी पदाधिकारी जिला विधि शाखा से संबंध स्थापित कर उसे सही कर लेंगे. प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा से प्राप्त प्रतिवेदन को ही अंतिम माना जाएगा. डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया कि लंबित सूची की एक बार पुनः समीक्षा कर विशेष अभियान चलाकर एजेंसी के मामले में एक सप्ताह में कारण पृक्षा एवं सीडब्लूजेसी के मामले में अधिकतम 15 दिनों के अंदर प्रतिशपथ दायर कर जिला विधि शाखा को सूचित करना सुनिश्चित करें. .
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