मधुबनी : 2016 साल अब जाने को है और नया साल 2017 आने के लिए दस्तक दे रहा है. हमारे पास बीते साल की कुछ कड़वी यादें तो कुछ मीठे लम्हें भी हैं. जो सालों साल तक लोगों को याद रहेगी. इस साल विभिन्न विभागों में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को भी धरातल पर उतारने की कोशिश की गयी. इसमें कई योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा तो कई रास्ते में ही दम तोड़ दिया. हम अपने पाठकों को कृषि विभाग द्वारा साल भर में संचालित योजनाओं से अवगत करा रहे हैं. साल भर में इस विभाग में किस योजना का लाभ किसानों को मिला और किस योजना से किसान वंचित रह गये.
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खरीफ व रबी में उपलब्धि अच्छी, पर बीजग्राम योजना फिसड्डी
मधुबनी : 2016 साल अब जाने को है और नया साल 2017 आने के लिए दस्तक दे रहा है. हमारे पास बीते साल की कुछ कड़वी यादें तो कुछ मीठे लम्हें भी हैं. जो सालों साल तक लोगों को याद रहेगी. इस साल विभिन्न विभागों में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को भी धरातल पर उतारने […]
80 हजार किसान हुए निबंधित.
सरकार की नयी पहल पर किसानों को योजना का लाभ सीधे तौर पर दी जाये इसके लिये डीबीटी योजना लागू की गयी. जिले के 80 हजार 958 किसानों का निबंधन विभिन्न योजनाओं के लिये कराया गया है. इस पहल से विभाग से बिचौलिया प्रथा दूर हुई. अब किसानों के खाते में सीधे तौर पर राशि जा रही है.
रुला रही बीजग्राम योजना .
बीजग्राम योजना का हाल जिले में बुरा है. इस योजना के तहत गेहूं के 1600 क्विंटल बीज मिला, पर बंटा है मात्र 100 क्विंटल, मसूर का 16 क्विंटल बीज मिला लेकिन एक दाना भी नहीं बंटा है. इसी प्रकार मटर में 16 क्विंटल प्राप्त बीज के विरुद्ध उपलब्धि शून्य है. जबकि राई मे 2 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ पर बंटा नहीं.
यांत्रीकरण का नहीं मिल रहा लाभ .डीबीटी योजना भले ही बिचौलिये को दूर किया है. किसानों के खाते में अब सीधे तौर पर राशि भी दी जा रही है. पर इसने दूसरे मायने में किसानों को बेहाल भी कर दिया है. अब किसानों को तभी योजना का लाभ मिलेगा जब वे पूरे रकम देकर कृषि यंत्र की खरीदारी करें. यंत्र की खरीदारी करने के बाद किसानों को अनुदान का लाभ दिया जाता है. इसमें किसानों को छूट की मिलने वाली रकम भी पहले दुकानदार के पास जमा करनी होती है. इसके बाद ही किसानों को अनुदान का लाभ दिया जाता है. इस साल 22504 कृषि यंत्र के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक मात्र 153 यंत्र ही किसानों को मिल सका है.
डीबीटी योजना से बिचौलिये दूर, पर किसानों को बड़ा यंत्र खरीदने में हुई परेशानी
कृषि विभाग के लिये मिला-जुला रहा साल 2016
1.48 लाख हेक्टेयर में हुई धान की खेती
साल 2016 में खरीफ फसल में 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य विभाग को दी गयी. इसके विरुद्ध 1 लाख 48 हजार 573 हेक्टेयर मे खेती की गयी. इसी प्रकार दलहन में 5700 हेक्टेयर में खेती के लक्ष्य के विरुद्ध 2860 हेक्टेयर में खती की गयी. इसमें सबसे खराब स्थिति मूंग का रहा. 700 हेक्टेयर के विरुद्ध उपलब्धि शून्य ही रही. जबकि तेलहन में विभागीय आंकड़ों के अनुसार 350 हेक्टेयर लक्ष्य के विरुद्ध सौ फीसदी खेती की गयी.
दलहन में पीछे है जिला
दलहन फसल में यह जिला अभी लक्ष्य से कोसों दूर है. दलहन फसल में जिले को 38300 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य मिला. पर अब तक इसके विरुद्ध मात्र 8710 हेक्टेयर में ही खेती हो सकी है. इसी प्रकार रबी फसल में गेहूं की खेती का लक्ष्य 75000 हेक्टेयर थी. जिसके विरुद्ध 56156 हेक्टेयर में अब तक बुआई हो चुकी है. इसी प्रकार मक्का में खेती का लक्ष्य 2500 हेक्टेयर थी. जिसमे बुधवार तक के रिपोर्ट के अनुसार 35 फीसदी हुई.
लक्ष्य को पूरा करने का हो रहा प्रयास
किसानों को पारदर्शिता के साथ हर योजना से लाभान्वित किया जाता है. अभी चार माह बांकी है. लक्ष्य को पूरा करने की पहल की जायेगी.
रेवती रमण, जिला कृषि पदाधिकारी
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