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ठंड से मौत पर चार लाख मुआवजे का प्रावधान

मधुबनी : दिसंबर के शुरुआत से ही ठंड का कहर जारी है. यह सोमवार को भी रहा. सुबह से ही कनकनी के कारण लोग घरों में रहे. अब लोग पूरी तरह ठंड से बचने के लिये तरह तरह के उपाय कर रहे हैं. पर अब तक सरकारी स्तर पर कहीं भी कोई इंतजाम नहीं किया […]

मधुबनी : दिसंबर के शुरुआत से ही ठंड का कहर जारी है. यह सोमवार को भी रहा. सुबह से ही कनकनी के कारण लोग घरों में रहे. अब लोग पूरी तरह ठंड से बचने के लिये तरह तरह के उपाय कर रहे हैं. पर अब तक सरकारी स्तर पर कहीं भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है. जिससे लोगों को ठंड से राहत मिल सके.

प्रशासन तापमान में और अधिक गिरावट होने की प्रतीक्षा में है. विभाग का कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार जब तापमान सात डिग्री सेल्सियस से नीचे आयेगा तभी रैन बसेरा, अलाव, या अन्य पहल की जायेगी. कई बार लोग की ठंड में असमय ही मौत तक हो जाती है. फसल क्षति हो जाती है. पर सरकारी नियमों की जानकारी नहीं होने से लोगों को आपदा विभाग से इसका लाभ भी नहीं मिल पाता है.

क्या है सरकारी प्रावधान
आपदा विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने जिला पदाधिकारी को ठंड से बचाव के लिये कई प्रकार के उपाय करने के निर्देश दिये हैं. इसमें अलाव, नि: सहाय को कंबल वितरण करने सहित कई निर्देश हैं. निर्देश व प्रावधान इस प्रकार है.
कब माना जायेगा शीतलहर : आपदा विभाग के अनुसार जब सामान्य तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो और न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस से कम हो जाय. वैसे क्षेत्र जहां सामान्य तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो तो उस क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम होने पर शीतलहर माना जायेगा.
रैनबसेरा / अस्थायी शरण स्थली: शहरी क्षेत्र में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरी, असहाय, आवास विहीन लोगों के लिये रैन बसेरा का इंतजाम किया जाता है. इसमें पर्याप्त संख्या में कंबल रखा जायेगा. जिसका उपयोग शरण स्थली या रैन बसेरा में आने वाले लोगों के द्वारा किया जायेगा. इसका व्यापक तौर पर प्रचार प्रसार किया जाता है. रैन बसेरा का इंतजाम नगर परिषद प्रशासन को करना होता है.
अलाव का इंतजाम . जिला विशेष में शीतलहर रहने पर अलाव का इंतजाम किया जाता है. यह जिला मुख्यालय से प्रखंड स्तर पर किया जाता है. खास तौर पर रेलवे स्टेशन, सरकारी अस्पताल या सार्वजनिक स्थलों पर अलाव का इंतजाम किया जाता है.
कंबल का वितरण. ठंड से बचाव के लिये नि: सहाय, फूटपाथ पर रहने वाले, गरीब रिक्शा चालक के बीच कंबल का वितरण किया जाता है.
मौत पर मुआवजा : ठंड से मौत पर चार लाख का मुआवजा आपदा विभाग से दिया जाता है. पर इसके लिये मृतक के लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद चिकित्सक का ठंड से हुई मौत का प्रमाण पत्र देना होगा. फिर आपदा विभाग से मुआवजे के लिये सरकार से राशि की मांग की जाती है.
सात डिग्री से कम तापमान होने पर ही मिलेगा लाभ
फसल क्षति पर भी राहत
नहीं हो सका अलाव व रैनबसेरा का इंतजाम
अलाव की राशि आवंटित
आपदा विभाग के निर्देश के अनुसार हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है. अलाव के लिये राशि का आवंटन कर दिया गया है. तापमान अभी सात डिग्री सेल्सियस से कम नहीं हुआ है. जिस कारण रैन बसेरा, कंबल या अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है.
उपेंद्र पंडित, आपदा प्रभारी पदाधिकारी
नहीं हो रहा पालन
रैनबसेरे का इंतजाम नहीं : अब तक आपदा विभाग के प्रावधान का पालन नहीं हो रहा है. कहीं भी शहर में रैन बसेरा/ अस्थायी बसेरा का इंतजाम नहीं किया गया है.
राशि आवंटित : अलाव का इंतजाम कहीं भी नहीं हो सका है. पर आपदा विभाग ने दो दिन पहले सभी अंचल को दो दो हजार रुपये एवं रहिका को 10 हजार रुपये अलाव के लिये आवंटित किया है.
नहीं हुआ कंबल का वितरण: किसी भी गरीब के बीच अब तक कंबल का वितरण नहीं हो सका है.
अब कार्ड से बिल का भुगतान
कैशलेस. िजला मुख्यालय सहित अन्य जगहों पर 265 प्रतिष्ठानों में लगीं मशीनें

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