मधुबनीः जिले में पांच फरवरी 2014 से कालाजार खोज पखवारा चलाया जायेगा. पखवारा के दौरान नये कालाजार रोगियों की खोज के लिये सघन अभियान चलाया जायेगा. अब सदर अस्पताल में भरती होने वाले मरीज को 28 दिनों तक प्रतिदिन 300 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा लॉस ऑफ वेजेज के रूप में 28 दिनों के बाद उसे 1400 रुपये मिलेंगे.
इस तरह कालाजार के भरती मरीज को 9800 रुपये मिलेंगे. इसके अतिरिक्त उसे 28 दिनों तक कालाजार की अत्याधुनिक दवा मिल्टेफोसीन भी नि:शुल्क 28 दिनों तक मिलेगी. मरीज के साथ साथ पति या पत्नी या परिजन को भी भोजन और नास्ता,फल, दूध, अंडा, ब्रेड नि:शुल्क मिलेगा. कालाजार मरीजों को जो 300 रुपये मिलेंगे उसमें उसके पति या पत्नी या परिजन के नाम पर 150 रुपये होंगे. जिले में कालाजार रोगियों की संख्या में भी भारी कमी आई है. सदर अस्पताल के कालाजार वार्ड में यहां कभी मरीजों को रहने के लिये बेड भर जाते थे वहां सिर्फ दस मरीज ही जनवरी में भरती हुए. वार्ड में भरती होने वाले मरीज रहिका, पंडौल, बिस्फी, लदनियां, जयनगर और लौकही के थे. अत्यधिक ठंड के कारण भी मरीजों की संख्या में गिरावट आने की आशंका है.
15 दिन तक लगातार रूक रूक कर बुखार होना, वचन का कम होना, भूख नहीं लगना, चमड़े का रंग काला होना कालाजार का प्रमुख लक्षण है. कालाजार सैंड फ्लाइ के काटने से होता है. सैंड फ्लाइ मच्छर नमी वाले जगह में रहता है. सदर अस्पताल के पैथोलॉजी आउट डोर में कालाजार की जांच होती है. हरिश्चंद्र प्रधान सहित तीन मलेरिया निरीक्षकों के अवकाश प्राप्त करने से जिले में मलेरिया निरीक्षकों की कमी हो गई है. जिले में फाइलेरिया के 142 नये रोगी मिले हैं. राष्ट्रीय फाइलेरिया नियंत्रण दिवस जिले में भारत सरकार द्वारा मार्च 2014 में संभावित है. फाइलेरिया नियंत्रण इकाई मधुबनी और झंझारपुर में है. फाइलेरिया क्लिनिक सिर्फ झंझारपुर में हैं.
फाइलेरिया इंस्पेक्टर अमर नाथ झा ने बताया कि बैक्टीसाइड पाउडर का छिड़काव शहरी क्षेत्र में कराया जा रहा है. नाला में इसका छिड़काव होता है. माइक्रो फाइलेरिया नामक मच्छर के काटने से फाइलेरिया होता है. रात में फाइलेरिया रोगियों की रक्त जांच होती है. आठ से दस बजे रात के बीच फाइलेरिया जांच के लिये संदिग्ध मरीजों से ब्लड का सैंपल लिया जाता है. रात में मधुबनी सदर में 1110 संदिग्ध मरीजों का और झंझारपुर में 7228 संदिग्ध मरीजों की रक्त जांच की गयी है. जिस मरीज में रोग की पुष्टि होती है उसे डीइसी की गोली निर्धारित मात्र में दी जाती है. जिला मलेरिया एवं फाइलेरिया पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह ने बताया कि सभी कर्मियों को कालाजार खोज पखवारा सफल बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग पर नियंत्रण के लिये छिड़काव का काम जारी है.