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साल दर साल कम हो रही है कुष्ठ मरीजों की संख्या

मधुबनी : जिला में कुष्ठ उन्मूलन होने के आसार दिख रहे हैं. साल दर साल कुष्ठ रोगियों की संख्या में कमी हो रही है. आबादी के अनुसार कुष्ठ रोगियों की संख्या यह बयां कर रहे हैं कि जिला में आने वाले दिनों में जल्द ही पूरी तरह से कुष्ठ उन्मूलन हो जायेगी. माना जाता है […]

मधुबनी : जिला में कुष्ठ उन्मूलन होने के आसार दिख रहे हैं. साल दर साल कुष्ठ रोगियों की संख्या में कमी हो रही है. आबादी के अनुसार कुष्ठ रोगियों की संख्या यह बयां कर रहे हैं कि जिला में आने वाले दिनों में जल्द ही पूरी तरह से कुष्ठ उन्मूलन हो जायेगी. माना जाता है कि दस हजार की आबादी पर यदि एक कुष्ठ रोगी मिलते हैं तो उसे कुष्ठ उन्मूलन कहा जा सकता है.

2013 में थे 1711 मरीज
विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2013-14 में जिले में कुल कुष्ठ रोगियों की संख्या 1711 थी. इसमें पूर्व के 768 मरीज एवं उस साल के नये चिह्नित मरीजों की संख्या 943 थी. जबकि चालू वित्तीय वर्ष में अब तक मरीजों की संख्या मात्र 434 ही है.
परवरिश योजना के तहत दी जाती है लाभ
कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चों को सरकार द्वारा परवरिश योजना का लाभ दिया जाता है. इस योजना के तहत 0 से 6 साल के बच्चों को 900 रूपये एवं 6 से 18 साल तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रति माह दिया जाता है. वहीं विकलांग व्यक्ति को विभाग के द्वारा एमसीआर चप्पल हर पीएचसी के माध्यम से मुफ्त में दिया जाता है.
आवासीय व्यवस्था नहीं
कुष्ठ रोगियों के रहने के लिये सदर अस्पताल सहित अन्य कहीं भी अलग से आवासीय व्यवस्था नहीं है. जिस कारण इन मरीजों को काफी परेशानी होती है.
कुष्ठ उन्मूलन की ओर जिला अग्रसर
साल 2013 में थे 1711 अब है मात्र 434 मरीज
कम हो रही है मरीजों की संख्या
जिस प्रकार से जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या साल दर साल कम होती जा रही है. उससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यह जिला पूरी तरह से कुष्ठ मुक्त जिला होगा.
डाॅ सी के सिंह, नोडल चिकित्सा पदाधिकारी

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